पूर्व सीएम हुड्डा का सैलजा पर निशाना, कहा- हाईकमान जांच करे, बरौदा में हम कैसे जीते और ऐलनाबाद में क्यों हारे

Haryana Congress Tussle हरियाणा कांग्रेस में खींचतान खत्‍म नहीं हो रही है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज हरियाणा कांग्रेस की अध्‍यक्ष कुमारी सैलजा पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि पार्टी हाईकमान जांच करें कि बरौदा सीट पर हम कैसे जीते और ऐलनाबाद में क्‍यों हारे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 05:26 PM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 05:26 PM (IST)
पूर्व सीएम हुड्डा का सैलजा पर निशाना, कहा- हाईकमान जांच करे, बरौदा में हम कैसे जीते और ऐलनाबाद में क्यों हारे
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा कांग्रेस की अध्‍यक्ष कुमारी सैलजा। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Congress Tussle: हरियाणा कांग्रेस में खींचतान जारी है और भूपेंद्र सिंह हुड्डा व हरियाणा कांग्रेस की अध्‍यक्ष किरण चौधरी के बीच टकराव जारी है। अब दोनोंं नेताओं में सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर हुई करारी हार के बाद रार बढ़ती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक भरत बैनीवाल को नोटिस मिलने पर हुड्डा ने प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा की भूमिका तथा प्रत्याशी चयन की पसंद पर सवाल उठाए हैं। हुड्डा ने कहा कि ऐलनाबाद में हार के कई कारण हैं। कांग्रेस प्रत्याशी पवन बैनीवाल द्वारा जिम्मेदारी से चुनाव न लड़ना भी इनमें एक बड़ा कारण है। कांग्रेस को यह जांच करनी चाहिए कि बरौदा में हम कैसे जीत गए और ऐलनाबाद में क्यों हार गए।

ऐलनाबाद चुनाव में हुड्डा ने उठाए सैलजा की पसंद पर सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री ने इस चुनाव में मिली हार के लिए कहीं न कहीं कुमारी सैलजा को जिम्मेदार ठहराते हुए हाईकमान से हार के कारणों की तह में जाने का आग्रह किया है। हुड्डा ने कहा कि किसी भी चुनाव में सलेक्शन (प्रत्याशी का चयन) और इलेक्शन (चुनाव लड़ने का तरीका) महत्वपूर्ण होते हैं। ऐलनाबाद में यह दोनों अहम पहलू गायब रहे। कांग्रेस प्रत्याशी को जितनी जिम्मेदारी और गंभीरता से चुनाव लड़ना चाहिए था, उन्होंने नहीं लड़ा।

कांग्रेस हाईकमान से चुनाव में हार के कारणों की जांच कराने को कहा

प्रत्याशी चयन से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस की मीटिंग में मैंने अपनी पसंद से हाईकमान को अवगत करा दिया था। मेरी पसंद क्या थी, यह मीडिया को बताने की जरूरत नहीं है। यदि मेरी पसंद पर गौर किया गया होता तो निसंदेह हम चुनाव जीतते। हुड्डा ने माना कि ऐलनाबाद में दलित बाहुल्य 22 बूथ पर कांग्रेस की जमानत जब्त हुई है और पार्टी तीसरे नंबर पर रही, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि बरौदा में जितने भी रिजर्व (आरक्षित दलित बाहुल्य) बूथ थे, उन सभी पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। ऐलनाबाद में ऐसा क्यों नहीं हो पाया, इसके कारण तलाशे जाने की जरूरत है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि लोकतंत्र में हार-जीत लगी रहती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम जिम्मेदारी और गंभीरता के साथ चुनाव न लड़ें। बरौदा में हम जीते और ऐलनाबाद में हार गए, इसलिए अहम बात यह है कि हम बरौदा में कैसे जीते और ऐलनाबाद में क्यों चुनाव हार गए।

उन्‍होंने कहा, मेरी पार्टी हाईकमान से मांग की है कि बरौदा में जीत और ऐलनाबाद में हार के कारणों की तह में जाकर भविष्य की रणनीति तैयार की जानी चाहिए। भरत बैनीवाल को मिले नोटिस के जवाब में हुड्डा ने कहा कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को अपना जवाब दे दिया है। भरत सिंह को किसी आकलन के आधार पर ही लगा होगा कि ऐलनाबाद में कांग्रेस तीसरे नंबर पर रहने वाली है। आखिरकार वह पार्टी के सीनियर नेता हैं और विधायक रह चुके हैं। उनकी राय काफी अहम है।

हुड्डा ने ऐलनाबाद में प्रचार के दौरान गोपाल कांडा को अपना दोस्त बताने से जुड़े सवाल पर कहा कि कांडा उनकी सरकार में गृह राज्य मंत्री थे। मैंने प्रचार के दौरान गोपाल कांडा के साथ-साथ अभय चौटाला को भी अपना दोस्त बताया था। पवन बैनीवाल का भी नाम लिया था। इसलिए गोपाल कांडा को अपना दोस्त बताने में कोई बड़ी बात हो गई तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अगर मैं दोस्त को दोस्त नहीं कहूंगा तो क्या दुश्मन बोलूंगा।

नरेन्द्र मोदी से मेरी पुरानी दोस्ती

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना दोस्त बताया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में दोस्तियां आम बात है। दोस्ती अपनी जगह होती है और राजनीति अपनी जगह होती है। नरेन्द्र मोदी उनके पुराने दोस्त हैं। जब मुख्यमंत्रियों की बैठक होती थी, जब जी (गुजरात) के बाद एच (हरियाणा) के मुख्यमंत्री की कुर्सी लगती थी। इस तरह हमारी अक्सर बातचीत होती रहती थी और आज भी होती है। हमारी दोस्ती के कोई राजनीतिक मतलब निकाले तो निकालता रहे।

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