ऐलनाबाद में चाचा-भतीजे की उम्मीदवारों को लेकर हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा और सैलजा में फंसेगा पेंच

Haryana By Election ऐलानाबाद सीट के उपचुनाव में उम्‍मीदवाराें को लेकर सियासी दलो में मंथन शुरू हाे गया है। चाचा-भतीजा की उम्‍मीदवारी को कांग्रेस में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व हरियाणा कांग्रेस अध्‍यक्ष कुमारी सैलजा में पेंच फंस सकता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 30 Sep 2021 09:33 AM (IST) Updated:Thu, 30 Sep 2021 09:33 AM (IST)
ऐलनाबाद में चाचा-भतीजे की उम्मीदवारों को लेकर हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा और सैलजा में फंसेगा पेंच
हरियाणा कांग्रेस अध्‍यक्ष कुमारी सैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Haryana By Election: ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने भी तैयारी शुरू कर दी है। उपचुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल ने एक अक्टूबर को प्रदेश के पहली पंक्ति के तमाम नेताओं को दिल्ली बुला लिया है। तीन कृषि कानूनों के विरोध के बीच हो रहे ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस के सामने दमदार उपस्थिति दर्ज कराने की बड़ी चुनौती होगी। ऐलनाबाद में ऐसे उम्मीदवार पर पार्टी को दांव खेलना होगा, जो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ-साथ कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा की भी पसंद का हो।

 ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर चुनावी रणनीति तैयार करने को कांग्रेस ने दिल्ली में बुलाई बैठक

बरौदा में कांग्रेस ने हुड्डा की पसंद के इंदुराज नरवाल पर दांव खेला था, जिन्होंने जीत हासिल कर विधानसभा में एंट्री मारी। अब कांग्रेस में भाजपा के टिकट से दो बार चुनाव लड़ चुके पवन बैनीवाल तथा उनके चाचा कांग्रेस के टिकट पर दो बार चुनावी जंग में अभय का मुकाबला कर चुके भरत बैनीवाल के बीच टिकट को लेकर पार्टी दिग्गजों की परेशानी बढ़ सकती है। पवन और भरत के बीच पुरानी दुश्मनी भी रही है। इनके बीच कई पंचायतें कराकर समझौते होते रहे हैं।

भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए पवन बैनीवाल सैलजा तो पूर्व विधायक भरत बैनीवाल हुड्डा की पसंद

इनेलो महासचिव अभय सिंह चौटाला के विरुद्ध भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पवन बैनीवाल को हाल ही में कांग्रेस में शामिल किया गया है। उन्हें कुमारी सैलजा ने कांग्रेस में शामिल कराया है। पवन बैनीवाल ऐलनाबाद में अभय चौटाला के विरुद्ध मजबूत प्रत्याशी माने जाते हैं, लेकिन उनके कारोबार को लेकर अभय चौटाला अक्सर विधानसभा में आवाज उठाते रहे हैं।

भाजपा सरकार अभय की मजबूत मांग के बावजूद उनके विरुद्ध किसी तरह की जांच आरंभ नहीं कर सकी। चूंकि पवन बैनीवाल को कांग्रेस में सैलजा ने शामिल कराया है, ऐसे में हुड्डा ऐलनाबाद के उम्मीदवार के तौर पर बैनीवाल के नाम पर सहमत होंगे या नहीं, यह देखने वाली बात होगी। पवन बैनीवाल ने भाजपा के टिकट पर यहां से दो चुनाव लड़े हैं।

भरत बैनीवाल और पवन बैनीवाल आपस में चाचा भतीजा, लड़ते रहे हैं अलग-अलग पार्टियों से चुनाव

 कांग्रेस के ऐलनाबाद से संभावित उम्मीदवारों में पूर्व विधायक भरत सिंह बैनीवाल का नाम भी मजबूती से शामिल है। भरत सिंह बैनीवाल डाबड़ा से विधायक रह चुके हैं। ऐलनाबाद से वह दो विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ चुके हैं। ऐसे में पुराने उम्मीदवार भरत सिंह की अनदेखी कर नए उम्मीदवार पवन बैनीवाल को टिकट देना कांग्रेस के लिए नई मुसीबत खड़ी कर सकता है।

भरत बैनीवाल को हुड्डा खेमे की पसंद माना जाता है। पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल के भाई चौधरी साहब राम के पोते कैप्टन अमरजीत भी ऐलनाबाद में कांग्रेस की टिकट के प्रबल दावेदार हैं। कांग्रेस की एक अक्टूबर को दिल्ली में होने वाली बैठक के बाद राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी ऐलनाबाद में दौरा कर अपने पिता के खेमे की ओर से उम्मीदवार का नाम पेश कर सकते हैं।

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव डा. अजय चौधरी के अनुसार पार्टी मामलों के प्रभारी विवेक बंसल एक अक्टूबर दो दिल्ली स्थित गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर दोपहर ढ़ाई बजे से बैठक लेंगे, जिसमें ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर चर्चा की जाएगी।

इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, कांग्रेस विधायक दल के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, कांग्रेस कार्यसमिति के विशेष आमंत्रित सदस्य व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई, कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता एवं विधायक किरण चौधरी, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव वीरेंद्र राठौर, आशीष दुआ तथा प्रदीप नरवाल को बुलाया गया है।

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जजपा की बजाय भाजपा भी लड़ सकती चुनाव

2019 के विधानसभा चुनाव में ऐलनाबाद सीट पर इनेलो के अभय सिंह चौटाला डेढ़ लाख वोटों में से 57 हजार (38%) हासिल कर चुनाव जीते थे। भाजपा के पवन बैनीवाल को 45 हजार (30%) जबकि कांग्रेस के भरत बैनीवाल को 35 हजार (23%) वोट मिले थे। जजपा से ओपी सिहाग को मात्र साढ़े 6 हजार वोट मिले थे जो साढ़े 4 प्रतिशत से भी कम थे, जिस कारण उनकी जमानत राशि जब्त हो गई थी। इस तरह हरियाणा में मौजूदा भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में ऐलनाबाद सीट से जजपा की बजाय भाजपा भी अपना प्रत्याशी उतार सकती है। हालांकि भाजपा की रणनीति देवीलाल परिवार के उम्मीदवार से इसी परिवार के किसी सदस्य को भिड़ाने की हो सकती है। जजपा से दिग्विजय चौटाला चुनाव लड़ सकते हैं।

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पवन बैनीवाल और भरत बैनीवाल के बीच खिंचेगी तलवारें

कांग्रेस में टिकट को लेकर भरत बैनीवाल और पवन बैनीवाल के बीच तलवारे खिंचने के आसार पैदा हो सकते हैं। दोनों आपस में चाचा भतीता हैं। दो बार भाजपा के टिकट पर चुनाव हार चुके पवन बैनीवाल को संभव है कि सैलजा अपनी पसंद का उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस में लाई हों, जबकि भरत बैनीवाल को हुड्डा की पसंद माना जाता है। ऐसे में पवन बैनीवाल को यदि कांग्रेस का टिकट नहीं मिला तो वह भाजपा में वापसी कर लें, इसकी संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव अगले माह 30 अक्टूबर को होगा। एक अक्टूबर को चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी। आठ अक्टूबर तक नामांकन भरे जाएंगे। दो नवंबर को मतगणना होगी।

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