सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति रद की, फिर भी फरीदाबाद के नायब तहसीलदार की नौकरी बरकरार, याचिकाकर्ता को मिल रही धमकी
फरीदाबार में नियमों के खिलाफ कार्यरत पटवारी कानूनगो व नायब तहसीलदार पर कोई कार्रवाई न करने व याचिकाकर्ता को ही धमकी मिलने पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। पुलिस कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी गई है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। फरीदाबाद भू राजस्व विभाग में नियमों के खिलाफ कार्यरत पटवारी, कानूनगो व नायब तहसीलदार पर कोई कार्रवाई न करने और याचिकाकर्ता को ही धमकी मिलने पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग के सदस्य दीप भाटिया पर आधारित बेंच ने इस मामले में शहरी संपदा विभाग के प्रधान सचिव व फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने कहा कि इससे पहले भी विभाग के निदेशक व सीपी फरीदाबाद से जवाब मांगा गया था, लेकिन उन्होंने अभी तक इस पर कोई रिपोर्ट नहीं दी। आयोग ने अपने पूर्व के जारी आदेश की पालना के तहत व शिकायतकर्ता को मिल रही धमकी पर पुलिस कमिश्नर व विभाग के प्रधान सचिव को जवाब देने का आदेश दिया है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पंचकूला में अनुबंध पर तैनात एक पटवारी सीता राम की शिकायत पर आयोग ने यह आदेश जारी किया।
आयोग में दायर शिकायत में बताया गया कि फरीदाबाद भूमि अधिग्रहण कार्यालय में लगभग आधा दर्जन से ज्यादा पटवारी व नायब तहसीलदार ऐसे हैं जो योग्यता पूरी नहीं करते। कुछ ने तो फर्जी पटवार ट्रेनिंग के दस्तावेज लगा कर नियुक्ति पाई है। विभाग के आला अधिकारियों की इस बात की जानकारी भी है, लेकिन वो कुछ नहीं कर रहे। याचिका में आरोप है कि काफी संख्या में पटवारी व नायब तहसीलदार कई साल से यहां पर जमे हुए हैं और उच्च अधिकारियों को कमा कर दे रहे हैं, इसलिए वे अयोग्य हो कर भी नौकरी में हैं।
इस बाबत फरीदाबाद पुलिस को 19 जून 2020 को एक शिकायत भी दी गई थी, लेकिन न तो पुलिस और न ही विभाग ने इस मामले में कुछ किया। आयोग को बताया गया कि कई पटवारी ऐसे हैं जिनकी योग्यता पूरी नहीं है, फिर भी वे कार्यरत हैं। आयोग को यह भी बताया गया कि भूमि अधिग्रहण कलेक्टर कार्यालय फरीदाबाद में तैनात नायब तहसीलदार करतार सिंह की पटवारी के तौर पर नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट रद कर चुका है। उसने पटवार ट्रेनिंग की परीक्षा पास नहीं की, वह अभी भी कार्यरत है। यह जानकारी विभाग ने उसे सूचना के अधिकार के तहत विभाग ने दी है।
आयोग को यह भी बताया गया कि शहरी संपदा विभाग के मुख्यालय में तैनात नायब तहसीलदार शिवराज पूरी योग्यता नहीं रखते और वो पटवार ट्रेनिंग पास नहीं है। सीएम विंडो पर एक शिकायत में सीएम ने 20 अक्टूबर 2020 को शिवराज के खिलाफ मामला दर्ज कर निलंबित करने के आदेश जारी किए थे लेकिन आज तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ व मुख्यालय में तैनात होने के कारण वह अयोग्य होते भी कई महत्वपूर्ण फाइलें देखते है।