हरियाणा में नगर निगम के चुनाव का ऐलान किसी भी समय, सरकार तैयार
हरियाणा में पांच नगर निगमों के चुनाव का ऐलान किसी भी समय हो सकता है। इसके लिए सरकार, चुनाव कार्यालय व राजनीतिक पार्टियां तैयार हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में पांच नगर निगमों के चुनाव का ऐलान किसी भी समय हो सकता है। इस चुनाव के लिए राज्य सरकार पूरी तरह तैयार है। सत्तारूढ़ भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों ने नगर निगमों के चुनाव लड़ने की तैयारी पूरी कर ली। राज्य निर्वाचन आयोग भी चुनाव कराने को तैयार बैठा है। अगले एक-दो दिन के भीतर नगर निगमों के चुनाव की तारीख का ऐलान हो सकता है।
राजनीतिक दलों ने की तैयारी, भाजपा और कांग्रेस सिंबल पर लड़ेंगे
राज्य निर्वाचन आयोग 17 दिसंबर से पहले-पहले मतदान कराने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। प्रदेश में 10 नगर निगम, 18 नगर परिषद और 53 नगरपालिकाएं हैैं। गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगमों के चुनाव हो चुके हैैं, जबकि सोनीपत में वार्डबंदी का काम पूरा नहीं हुआ है। सोनीपत नगर निगम के दायरे से हाल ही में कुछ गांव बाहर निकाले गए हैैं। इसलिए नए सिरे से वार्डबंदी की जाएगी।
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प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों अंबाला व पंचकूला नगर निगमों को भंग कर अलग-अलग नगर परिषद बना दी थी। सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी गई। इन दोनों नगर निगमों को भंग करने के केस अदालत में चल रहे हैैं। लिहाजा इन दोनों निगमों में फिलहाल चुनाव संभव नहीं है।
17 दिसंबर से पहले-पहले हो जाएगा मतदान, पांच निगमों में होंगे चुनाव
प्रदेश में बाकी बचे पांच नगर निगमों करनाल, पानीपत, हिसार, रोहतक और यमुनानगर में वार्डबंदी का काम पूरा हो चुका है। यहां अगले एक-दो दिन में चुनाव की तारीख घोषित की जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरुग्र्राम दौरे की वजह से चुनाव लटका हुआ था। हरियाणा में मेयर और पार्षदों का चुनाव सीधे जनता मतदान के जरिये करेगी। अभी तक पार्षद नगर निगम के मेयर का चुनाव करते थे। लेकिन, मेयर के चुनाव में खरीद-फरोख्त बंद करने तथा जनता की पसंद का मेयर चुनने की मंशा से हरियाणा सरकार ने नगर निगम एक्ट में बदलाव किया है।
भाजपा शासित कई राज्यों में नगर निगमों के मेयर का चुनाव सीधे होता है। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चयन पार्षद करेंगे। मेयर और पार्षदों का कार्यकाल पांच साल का होगा। राज्य सरकार हालांकि इसे घटाकर एक साल करना चाहती थी, लेकिन कैबिनेट सब कमेटी ने इस प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगाई है।
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नगर निगमों के चुनाव में चलेंगे पंचायत चुनाव के नियम और शर्तें
- दसवीं पास उम्मीदवार ही मेयर और पार्षद का चुनाव लडऩे के पात्रों में शामिल होंगे।
- बैंक डिफाल्टर चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
- प्राथमिक कृषि सहकारी सोसायटी, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और जिला प्राथमिक कृषि ग्रामीण विकास बैंक के डिफाल्टरों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं होगी।
- बैंकों से नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेना होगा।
- बिजली बिलों का भुगतान करना होगा।
- सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों का मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं की परीक्षा पास करना जरूरी होगा। महिला उम्मीदवार के लिए यह याेग्यता मिडल (आठवीं) परीक्षा पास होगी।
- अनुसूचित जाति से संबंधित पुरुष उम्मीदवार के लिए भी आठवीं पास होना जरूरी।
- अनुसूचित जाति से संबंधित महिला उम्मीदवार का पांचवीं पास होना जरूरी है।
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चुनाव में मेयर 20 लाख रुपये और पार्षद पांच लाख रुपये खर्च सकेंगे
राज्य निर्वाचन आयुक्त डाॅ. दलीप सिंह के अनुसार नगर निगम के मेयर का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार 20 लाख रुपये तक राशि खर्च कर सकते हैैं। पार्षद पांच लाख रुपये तक राशि खर्च कर सकते हैैं। मेयर के चुनाव चूंकि सीधे पहली बार हो रहे हैैं। इसलिए इसकी खर्च सीमा 20 लाख रुपये रखी गई है। पार्षद का चुनाव लड़ने की खर्च सीमा पिछले साल बढ़ा दी गई थी, जिसे इस बार बरकरार रखा गया है।