गुरुग्राम में छापा मारने के बाद चर्चा में अनिल विज, पढ़ें हरियाणा की सत्ता के गलियारे की और भी खबरें

हरियाणा के तेजतर्रार मंत्री अनिल विज गुरुग्राम नगर निगम में छापा मारने के बाद चर्चा में हैं। फरीदाबाद के सामाजिक संगठनों ने तो विज से गुहार लगाई है कि वे कभी उनके शहर में आएं और छापा मारें।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 02:04 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 02:04 PM (IST)
गुरुग्राम में छापा मारने के बाद चर्चा में अनिल विज, पढ़ें हरियाणा की सत्ता के गलियारे की और भी खबरें
हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य व स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज का फाइल फोटो।

बिजेंद्र बंसल, नई दिल्ली। हरियाणा के गृह मंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के पास शहरी स्थानीय निकाय विभाग भी है। इन दिनों विज के गुरुग्राम नगर निगम में छापा मारने खूब चर्चा है। उनकी चर्चा दिल्ली-चंडीगढ़ से ज्यादा उन महानगरों में भी है, जिनमें गुरुग्राम से भी ज्यादा भ्रष्टाचार है। फरीदाबाद के सामाजिक संगठनों ने तो विज से गुहार लगाई है कि वे कभी उनके शहर में आ जाएं, ताकि उनके नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों के कारनामे भी उनके संज्ञान में आ जाएं। इन सामाजिक संगठनों का यह आग्रह इसलिए भी ठीक है कि फरीदाबाद में 225 करोड़ रुपये निगम अधिकारियों ने बिना काम के ही ठेकेदारों के खाते में दे दिए। इसकी जांच स्टेट विजिलेंस कर रही है मगर लोग विज को उन अधिकारियों को दिखाना चाहते हैं जो सेवानिवृत्ति के बाद भी जमे बैठे हैं जबकि उनको न पहले कोई काम आता था और न अब। वैसे पिछले दिनों फरीदाबाद आए विज कोई सरकारी कामकाज नहीं कर पाए थे।

आत्मसंतुष्टि पर आभार जता रहे मंत्रीजी

परिवहन मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा खुद कहते हैं कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह एक दिन राज्य में कैबिनेट मंत्री बनेंगे। उनके समर्थक कहते हैं कि पंडितजी के लिए कैबिनेट मंत्री बनने से भी ज्यादा बड़ी बात यह रही कि वह मनोहर मंत्रिमंडल में वरिष्ठता के क्रम में ताऊ देवीलाल के पुत्र चौधरी रणजीत सिंह से भी आगे हैं। पंडितजी भाजपा से पहले लंबे समय तक लोकदल में रहे। उन्होंने 2009 में भाजपा में शामिल होने से पहले दो चुनाव इनेलो से भी लड़े थे। तब हार मिली थी। उनके विरोधी तो यहां तक कहते थे कि पंडितजी के हाथ में विधायक बनने की लकीर नहीं है। अब कर्मशील पंडितजी के हाथ में लगातार दो बार विधायक बनने की लकीर बन गई और वे मंत्री भी बन गए। यही कारण था कि पूर्णतया संतुष्ट पंडितजी गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुओं का आभार जताने निकल पड़े थे।

वक्त बड़ा बलवान है

पिछले दिनों नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में भाजपा कोर ग्रुप की बैठक हुई। इसमें अपेक्षित नेता और उनके साथ कुछ समर्थक भी भवन में पहुंचे। इन्होंने वक्त बड़ा बलवान होता है, का एक उदाहरण बताया। इनमें से ज्यादातर दो दिन पहले गुरुग्राम के एक पांच सितारा होटल में पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के पारिवारिक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर आए थे। इसमें सीएम, मंत्री, सत्ताधारी दल के नेताओं सहित पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला भी अपने पौत्र करण चौटाला के साथ कार्यक्रम पहुंचे थे। नेता और मंत्रियों के बैठने के लिए बने मंच के बराबर कुर्सी पर बैठे ओमप्रकाश चौटाला ने खुद अपनी नजरों से वह नजारा देखा, जब सीएम कार्यक्रम में पहुंचे। सीएम से पहले ब्लैक कैट कमांडो पहुंचे। उनके बैठने की जगह की जांच-पड़ताल हुई। अधिकारी, पुलिस और नेताओं की भीड़, सहित पूरा जलवा था। संभवतया चौटाला तब यही सोच रहे होंगे कि वक्त बड़ा बलवान है।

कटारिया की कड़क आवाज

अंबाला लोकसभा क्षेत्र के सांसद रतन लाल कटारिया भाजपा के पुराने खांटी नेता हैं। उनकी आवाज हमेशा से बुलंद रही है। बड़ी सभाओं में भी श्रोताओं तक उनकी आवाज बिना लाउडस्पीकर के पहुंच जाती है। कटारिया ने राजनीति में जिस तरह बुलंदियां छुई हैं, उसी तरह उनकी आवाज दबने की बजाए और बुलंद हुई। वह प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे। मोदी सरकार में दो अहम मंत्रालयों में राज्य मंत्री बने तो उनके समर्थकों को लगता था कि अब यह आवाज 2024 तक तो पूरी तरह बुलंद रहेगी। लेकिन इन समर्थकों को इतराने का ज्यादा समय नहीं मिला। पिछले मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान प्रधानमंत्री ने कटारिया से इस्तीफा ले लिया। इस्तीफे के बाद यह माना जा रहा था कि उनकी आवाज में कुछ दबी हुई सुनाई देगी मगर जब वे भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में बोले तो सबका भ्रम टूट गया। कटारिया की आवाज तो पहले से भी ज्यादा बुलंद थी।

chat bot
आपका साथी