मानसून की बारिश के संग जुलाई में होंगी अनाेखी खगोलीय घटनाएं, जानें इनका क्‍या होगा असर

इस माह मानसून की बारिश के संग-संग चंद्र ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाएं भी होंगी। ये हमारे जीवन पर असर डालेंगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 08:25 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 07:54 AM (IST)
मानसून की बारिश के संग जुलाई में होंगी अनाेखी खगोलीय घटनाएं, जानें इनका क्‍या होगा असर
मानसून की बारिश के संग जुलाई में होंगी अनाेखी खगोलीय घटनाएं, जानें इनका क्‍या होगा असर

चंडीगढ़, जेएनएन। जुलाई महीने में मानसून की झड़ी लगेगी तो चंद्रग्रहण जैसी खगोलीय घटनाएं भी होंगी। इस माह आसमान में अद्भूत नजारे देखने को मिलेंगे। 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसी दिन गुरु पूर्णिमा भी है। इसलिए इस ग्रहण का महत्‍व बढ़ गया है। 14 जुलाई को सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह गुरु, पृथ्वी और सूर्य एक सीध (लाइन) में होंगे। ज्‍योतिषियों का कहना है कि इन घटनाओं का मानव जीवन पर असर पड़ेगा। इससे कई राशि वालों के जीवन पर सकारात्‍मक असर पड़ेेगा तो कुछ को सावधा‍नी भी बरतनी होगी।

28 जुलाई को मौसम साफ रहने पर रात में तारों की बारिश जैसा नजारा दिखेगा

20 जुलाई को सबसे सुंदर ग्रह शनि (सेटर्न) पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा पर होंगे। 28 जुलाई को मौसम साफ रहने पर रात में तारों की बारिश जैसा नजारा दिखाई दे सकता है। 28 जुलाई की रात को ही आकाश में टूटते तारों की औसत बरसात देखने को मिल सकती है। इसे डेल्टा एक्यूरिड मेटियोर शॉवर कहते हैं।

5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण, लेकिन भारत में नहीं दिखेगा

5 जुलाई के दिन गुरु पूर्णिमा है। इस दिन सुबह जब भारत में चंद्रमा आकाश से विदाई ले चुका होगा, तब दक्षिण-उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी अफ्रीका में होने जा रही शाम के दौरान चंद्रमा के अस्त होते हुए उपछाया चंद्रग्रहण दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिखेगा।

4 जुलाई की शाम को एक सीध में होंगे सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह गुरु, पृथ्वी और सूर्य

गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र कुरुक्षेत्र के संचालक डा. रामराज कौशिक के अनुसार 14 जुलाई की शाम को सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह गुरु, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में होंगे। इस शाम जब सूर्य पश्चिम में अस्त हो रहा होगा, तब पूर्व में गुरु ग्रह (जुपिटर) उदित हो रहा होगा। गुरु, पृथ्वी और सूर्य के एक सीध में आ जाना जुपिटर एट अपोजिशन कहलाता है। इसे देखा जाना सबसे अच्छा होगा क्योंकि यह हमसे करीब होगा।

डा. रामराज ने बताया कि 20 जुलाई अमावस्या की शाम को आकाश में चांद तो नहीं दिखेगा लेकिन सबसे सुंदर ग्रह शनि (सेटर्न) पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा पर होंगे। इसे सेटर्न एट अपोजिशन कहते हैं। पृथ्वी के पास होने से इसे टेलीस्कोप से देखने पर इसके रिंग और इसके कुछ चंद्रमा देखे जा सकते हैं। 22 जुलाई को सूर्योदय से ठीक पहले पूर्वी आकाश में बुध ग्रह (मरकरी) को आकाश में देखा जा सकेगा। इस दिन यह सूर्य से 20 डिग्री ऊपर उठा दिखेगा।

गुरु पूर्णिमा पर साल का तीसरा चंद्र ग्रहण, जानें खास बातें

 डा. रामराज कौशिक के अनुसार चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा रविवार को सुबह 8:38 बजे से 11:21 बजे तक देखा जा सकेगा। इस ग्रहण को उप छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इस ग्रहण के दौरान धनु राशि के लोगों के जीवन में कई महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं।

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