सरकार के प्रति निष्ठा होगी हरियाणा में नए DGP की नियुक्ति का पैमाना, 5 में से 2 आइपीएस रेस से बाहर

हरियाणा में नए डीजीपी (DGP) की नियुक्ति के लिए सात आइपीएस अधिकारियों का पैनल भेजा गया है। इनमें दो आइपीएस अफसर अगले माह रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में पांच आइपीएस अफसर नियुक्ति की दौड़ में हैं ।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 10:43 AM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 03:17 PM (IST)
सरकार के प्रति निष्ठा होगी हरियाणा में नए DGP की नियुक्ति का पैमाना, 5 में से 2 आइपीएस रेस से बाहर
हरियाणा में सरकार के प्रति निष्ठा होगी डीजीपी की नियुक्ति का आधार। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा को जुलाई माह के अंत तक नया पुलिस महानिदेशक मिल जाएगा। प्रदेश सरकार ने नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए सात सीनियर आइपीएस अधिकारियों के नाम का पैनल केंद्रीय लोक सेवा आयोग को भेजा हुआ है। वहां से तीन आइपीएस अधिकारियों के नाम का पैनल बनाकर हरियाणा सरकार को भेजा जाएगा, जिसमें से अपनी पसंद के किसी एक आइपीएस अधिकारी को सरकार पुलिस महानिदेशक के पद पर नियुक्ति दे सकती है। नए डीजीपी की नियुक्ति में सरकार के प्रति उसकी निष्ठा बड़ा पैमाना होगी।

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने इसी माह के अंत तक राज्य का नया डीजीपी नियुक्त हो जाने का दावा किया है। प्रदेश के मौजूदा डीजीपी मनोज यादव के कामकाज से गृह मंत्री खुश नहीं हैं। किसान संगठनों के आंदोलन में पुलिस की विफलता का आरोप लगाते हुए गृह मंत्री ने डीजीपी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए थे। मनोज यादव दो साल के लिए हरियाणा आए थे। गृह मंत्री से पटरी नहीं बैठने के कारण उन्होंने अचानक वापस इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) में जाने की इच्छा जता दी, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार भी कर लिया था और मनोज यादव को नए डीजीपी के आने तक कार्यभार संभालने के निर्देश दिए थे।

अपने जुलाई माह के कार्यकाल में डीजीपी ने दो बड़े काम किए। पहला तो उन्होंने मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से डायल 112 की शुरुआत कराई और दूसरा विधानसभा परिसर में बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पर हुए अकाली विधायकों के हमले के मामले में अपने विभाग के सीनियर पुलिस अधिकारियों को जांच में क्लीन चिट प्रदान कर दी।

डीजीपी जाते-जाते अपने मातहत किसी अधिकारी को फंसाना नहीं चाहते थे। लिहाजा जिस पहली जांच रिपोर्ट में उन्होंने आइपीएस पंकज नैन को दोषी ठहराया था, उसी मामले की दूसरी जांच रिपोर्ट में उन्होंने पंकज नैन को क्लीन चिट प्रदान कर दी है। स्पीकर उनकी इस रिपोर्ट से खुश नहीं है और मुख्यमंत्री पर हुए हमले का मामला विधानसभा की विशेषाधिकार कमेटी को सौंप दिया है। डायल 112 की शुरुआत के मौके पर डीजीपी द्वारा अनिल विज के लिए मुख्यमंत्री के रूप में किया गया संबोधन भी पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बना रहा।

नए डीजीपी के लिए अमूमन पांच सीनियर आइपीएस अधिकारियों का पैनल लोक सेवा आयोग भेजा जाता है, लेकिन प्रदेश सरकार ने सात आइपीएस अधिकारियों का पैनल भेजा है। इस पैनल में शामिल दो आइपीएस एसएस देसवाल और केक सिंधु अगस्त माह में रिटायर होने वाले हैं। देसवाल केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं और आइटीबीपी के महानिदेशक हैं। लिहाजा इन दोनों अधिकारियों के किसी सूरत में डीजीपी बनने की संभावना नहीं है।

इन पांच आइपीएस अफसरों में कांटे की जंग

अब पांच सीनियर आइपीएस अधिकारी पीके अग्रवाल, मोहम्मद अकील, आरसी मिश्रा, देसराज ङ्क्षसह और शत्रुजीत कपूर के बीच डीजीपी बनने की होड़ लगी हुई है। इन अधिकारियों के भी अपने-अपने गुण दोष हैं, जिनके आधार पर सरकार उनकी वरिष्ठता को डीजीपी के रूप में तबदील करेगी। नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सरकार में भी पसंद और नापसंद की जिद्दोजहद है। शत्रुजीत कपूर जहां मुख्यमंत्री की पसंद हैं, वहीं आरसी मिश्रा गृह मंत्री की पसंद बताए जाते हैं। इन दोनों के बीच की रस्साकसी में पीके अग्रवाल की लाटरी लग सकती है।

31 जुलाई से पहले मिलेगा हरियाणा को नया डीजीपी

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि हरियाणा सरकार ने नए डीजीपी के लिए सात आइपीएस अधिकारियों का पैनल केंद्रीय लोक सेवा आयोग को भेज दिया है। वहां से जल्द ही तीन आइपीएस अफसरों के नाम का पैनल राज्य सरकार के पास आने की उम्मीद है। इस तीन सदस्यीय पैनल में सरकार चयन करेगी कि किसे डीजीपी नियुक्त किया जाना है। मुझे उम्मीद है कि हरियाणा को 31 जुलाई से पहले-पहले नया डीजीपी मिल जाएगा।

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