हरियाणा में साढ़े तीन माह में 62 कैटेगरी की भर्ती परीक्षाओं में 580 OMR शीट ब्लैंक, माफिया के शामिल होने की आशंका

हरियाणा में हुई भर्ती परीक्षाओं में 580 ओएमआर शीट ब्लैंक मिली हैं। ये परीक्षाएं 13 जुलाई के बाद हुई थी। इनमें भर्ती माफिया के शामिल होने की आशंका है। दो प्राइवेट एजेंसियों से तलब किया गया कोरी शीट छोड़ने वाले अभ्यर्थियों का पूरा डाटा खंगाला जा रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 10:16 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 12:33 PM (IST)
हरियाणा में साढ़े तीन माह में 62 कैटेगरी की भर्ती परीक्षाओं में 580 OMR शीट ब्लैंक, माफिया के शामिल होने की आशंका
हरियाणा में भर्ती परीक्षाओं में 580 ओएमआर शीट ब्लैंक। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में होने वाली सरकारी भर्तियों में माफिया का दखल कम नहीं हो रहा है। परीक्षाओं में नकल कराने वाले कई गिरोह और माफिया की हालांकि धरपकड़ हो चुकी है, लेकिन इस गिरोह की जड़ें बहुत ज्यादा गहरी हैं। प्रदेश सरकार ने भर्तियों में खेल करने वाले इस गिरोह की तह तक जाने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार की चिंता इसलिए ज्यादा बढ़ गई है, क्योंकि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की साढ़े तीन माह के भीतर हुई 62 कैटेगरी की अलग-अलग परीक्षाओं में 580 उत्तर पुस्तिकाएं (ओएमआर) शीट ब्लैंक (कोरी) मिली हैं।

पुरुष व महिला कांस्टेबल की भर्ती के लिए हुई परीक्षाओं में जब 38 शीट खाली मिली तो हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की चिंता बढ़ गई। आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी ने इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ चर्चा की। इन सभी खाली शीट की डिटेल, रोल नंबर और अभ्यर्थी का पूरा नाम-पता विस्तार के साथ सीआइडी प्रमुख आलोक मित्तल को उपलब्ध करा दिया गया है। सीआइडी प्रमुख ने अपने स्तर पर इन खाली ओएमआर शीट की तह में जाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। जिन जिलों के अभ्यर्थियों की यह खाली शीट हैं, वहां के जिला पुलिस अधीक्षकों व सीआइडी विंग को चौकस करते हुए पूरा रिकार्ड खंगालने के आदेश दे दिए गए हैं।

अभी सीआइडी चीफ ने यह तय नहीं किया कि इन कोरी ओएमआर शीट की जांच विजिलेंस से कराई जाए या फिर पूरा मामला सीबीआइ अथवा किसी अन्य एजेंसी को सौंपा जाए। इस बारे में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लेना है, लेकिन तब तक आंतरिक जांच प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। पुरुष व महिला कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा में 38 ओएमआर शीट खाली मिलने के बाद चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी ने आशंका जाहिर की है कि बाकी परीक्षाओं में भी ऐसी शीट खाली हो सकती है।

आंतरिक जांच करने पर उनका शक सही निकला। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने इस साल 13 जुलाई के बाद 62 कैटेगरी की परीक्षाएं कराई हैं, जिनमें बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी, स्टाफ नर्स, हाइजेनिक डेंटल और पुलिस समेत कई तकनीकी पदों की परीक्षाएं शामिल हैं। इन परीक्षाओं के लिए आवेदन दो प्राइवेट एजेंसियों सीडैक और एचकेसीएल के माध्यम से प्राप्त किए गए थे। प्राथमिक जांच में 580 कोरी ओएमआर शीटें चिन्हित की गई। दोनों प्राइवेट एजेंसियों से उन तमाम अभ्यर्थियों की पूरी डिटेल मांगी गई है, जिन्होंने यह शीटें खाली छोड़ी हैं। अगले एक सप्ताह में आयोग के चेयरमैन के पास दोनों प्राइवेट एजेंसियों ने पूरी डिटेल भेज देने की बात कही है। डिटेल मिलती ही सीआइडी चीफ आलोक मित्तल को इन 580 शीट वाले अभ्यर्थियों का भी पूरा ब्योरा सौंप दिया जाएगा, ताकि इस बात की तह में जाया जा सके कि आखिर किस कारण से इन बच्चों ने अपनी शीट खाली छोड़ी है।

ओएमआर शीट खाली छोड़ने वालों की बड़े माफिया से सेटिंग

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी ने पूरी बेबाकी के साथ बताया कि यह संभव है कि कोई माफिया या गिरोह काम कर रहा होगा। हो सकता है कि किसी ने इन बच्चों को कहा हो कि वह अपनी शीट खाली छोड़ आएं, ताकि बाद में कोई सेटिंग की जा सके। यह भी संभव है कि इन बच्चों को कुछ न आता हो और उन्होंने सामान्य तौर ही शीट खाली छोड़ दी हो, जिसकी संभावना कम है। भोपाल सिंह के अनुसार सीआइडी चीफ को पूरी रिपोर्ट सौंपने के बाद यह भी कहा जाएगा कि वह इसकी तह में जरूर जाएं कि खाली शीट छोड़ने के मामले में तार कहां-कहां जुड़े हैं और कहां-कहां इसकी जड़े हैं। यदि इस काम में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का ही कोई आदमी शामिल है तो उसे भी बेनकाब किया जाना चाहिए। बता दें कि पूर्व चेयरमैन भारत भूषण भारती के कार्यकाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आयोग के भीतर ही माफिया की सूचना मिलने पर छापेमारी करवा दी थी और कई कर्मचारी पकड़े गए थे। तब मुख्यमंत्री ने इस बात की भी परवाह नहीं की कि आयोग को लेकर विपक्ष क्या-क्या आरोप लगा सकता है। यह मामला विधानसभा में भी उठा, लेकिन तब मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गिरोह को बेनकाब करने का साहस किया है, जो बरसों से यहां अपनी जड़ें जमाए हुए था।

अब एक ही परीक्षा में दिए जाएंगे चार प्रश्नपत्र

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पेपर लीकेज तथा नकल आदि की समस्या से निपटने के लिए कारगर योजना तैयार की है। आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी के अनुसार पेपर ऐसे सेट किया जाएगा, ताकि उसे थ्री-डी चश्मे से ही पढ़ा जा सके, लेकिन पढ़ने के लिए चश्मा आयोग की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। बाहरी चश्मों से यह पेपर नहीं पढ़े जा सकेंगे। परीक्षाओं में अब एक से अधिक पेपर सेट हल करने के लिए दिए जाएंगे। उदाहरण के लिए यदि प्रदेश में किसी एक भर्ती के लिए परीक्षा हो रही है तो एक ही सेंटर पर या अलग-अलग सेंटर पर चार तरह के प्रश्न पत्र तक दिए जा सकते हैंं, ताकि नकल माफिया के लिए किसी तरह की गुंजाइश न बचे। किसी भी अभ्यर्थी को कोई भी सवाल टेंपरिंग नहीं करना होगा और न ही कोई फ्लूड लगानाहोगा। ऐसा होने पर उस अभ्यर्थी का पेपर रिजेक्ट माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग है कि यदि कोई टेंपरिंग व फ्लूड का इस्तेमाल करता है तो उसका पेपर रिजेक्ट किया जा सकता है, जिस पर सख्ती से अनुपालन होगा।

रद नहीं होगी पुरुष व महिला कांस्टेबल की भर्ती प्रक्रिया

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 26 सितंबर व 13 अक्टूबर को हुई पुरुष व महिला कांस्टेबल की परीक्षा किसी सूरत में रद नहीं किए जाने का दावा किया है। आयोग जल्द ही इन दोनों परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित करने वाला है। आयोग ने पेपर सेट करने वाली कंपनियों को आदेश दिए हैं कि भविष्य में वह किसी पेपर में व्यक्तिगत, जाति व धर्म आधारित अथवा विवादित सवाल नहीं पूछेंगे। यह व्यवस्था 31 अक्टूबर व एक और दो नवंबर को होने वाली मेल कांस्टेबल की परीक्षा में भी लागू होगी।

भर्तियों के लिए संयुक्त पात्रता परीक्षा अगले साल फरवरी में

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने संयुक्त पात्रता परीक्षा आायोजित करने की तैयारी तेज कर दी है। इस परीक्षा के लिए नेशनल टेस्टिंग अथारिटी (एनटीए) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बातचीत की प्रक्रिया के बाद इसी सप्ताह एनटीए के लिए वर्क आर्डर जारी हो जाएगा। एनटीए की ओर से आयोग को बताया जाएगा कि परीक्षा कब होगी। इसके लिए उसे दो से तीन महीने चाहिए। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि अगले साल फरवरी से मार्च के बीच यह संयुक्त पात्रता परीक्षा हो सकती है। इस परीक्षा के बाद अभ्यर्थी विभिन्न तरह की नौकरियों के लिए पात्र होंगे और उन्हें बार-बार न तो फार्म भरना पड़ेगा और न ही फीस देनी पड़ेगी। वह किसी भी भर्ती के लिए आनलाइन आवेदन में अपना कोड नंबर डालेंगे, जो उन्हें दिया जाएगा, उसके आधार पर फार्म भी भर जाएगा और फीस भी नहीं देनी होगी। तीन साल में यह परीक्षा एक बार आयोजित कराने की योजना है।

क्या होती है ओएमआर शीट

पहले जब भी हम कोई परीक्षा देते थे तो उसके उत्तर पेपर पर लिखकर दिया करते थे, जिन्हें एक-एक कर सही ढंग से चेक करना थोड़ा मुश्किल होता था और इस प्रकिया में समय भी बहुत लगता था। इस वजह से विद्यार्थियों को रिजल्ट के लिए बहुत समय तक इंतजार करना पड़ता था। इसी समस्या को दूर करने के लिए ओएमआर शीट का उपयोग इन परीक्षाओं में किया जाने लगा। इसमें हम अपने उत्तर गोल घेरे को भर कर देते है और इन शीट को ओएमआर स्केनर की मदद से बहुत आसानी से चेक कर लिया जाता है और वह भी बहुत तेजी से। इसी कारण इसका उपयोग अब अधिकतर परीक्षाओं में किया जाता है। अगर आप ओएमआर शीट में एक से अधिक आप्शन भर देते हैं या कोई निशान लगा देते हैं तो स्केनर उस डाटा को रीड नहीं करता है।

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