बड़ी खुशखबरी : हरियाणा में पुराने कच्चे कर्मचारी होंगे नियमित, बनेंगे विशेष पद

हरियाणा के सरकारी कर्मचारियाें को जल्‍द ही बड़ी खुशखबरी मिलेगी। राज्‍य सरकार ने 20-25 साल से कार्यरत कर्मच‍ारियों को नियमित करने निर्णय किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 06:14 PM (IST) Updated:Thu, 27 Sep 2018 08:42 AM (IST)
बड़ी खुशखबरी : हरियाणा में पुराने कच्चे कर्मचारी होंगे नियमित, बनेंगे विशेष पद
बड़ी खुशखबरी : हरियाणा में पुराने कच्चे कर्मचारी होंगे नियमित, बनेंगे विशेष पद

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्‍य सरकार के अस्‍थायी कर्मचारियों की बल्‍ले-बल्‍ले होने वाली है। विभिन्‍न विभागों में 20-25 साल से सेवाएं देने वाले कच्चे कर्मचारियों के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इन कर्मचारियों को जल्‍द ही पक्‍का यानि नियमित किया जाएगा। इससे काफी संख्‍या में कर्मचारियों को लाभ हाेगा।

सभी महकमों को विशेष पद सृजित करने का आदेश, सेवानिवृत्ति के साथ पद हो जाएंगे समाप्त

विभिन्‍न सरकारी विभागों के तदर्थ, वर्कचार्ज और अंशकालिक आधार पर काम कर रहे इन कर्मचारियों को वर्ष 2003 और 2004 की नियमितीकरण नीतियों के तहत पक्का किया जाएगा। कर्मचारियों को पक्का करने के लिए विशेष पद सृजित किए जाएंगे जो उनकी सेवानिवृत्ति के साथ ही समाप्त हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहल पर इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को तुरंत जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। सभी महकमों को कर्मचारियों की संख्या के मुताबिक वित्त विभाग से डिमिनिशिंग काडर (कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर पद समाप्त) में पद सृजित कराने को कहा गया है। इन्हीं पदों पर कच्चे कर्मचारियों को समायोजित किया जाएगा।

इसके साथ ही वित्त विभाग को भी निर्देश दिया गया है कि किसी भी विभाग, बोर्ड या निगम द्वारा वर्ष 2003 और 2004 में जारी नियमितीकरण नीतियों के तहत कर्मचारियों की पक्का करने का मामला भेजा जाए तो डिमिनिशिंग काडर में तुरंत पदों का सृजन किया जाए। इससे कर्मचारियों को नियमित करने में

वर्ष 2014 की पॉलिसी के तहत पक्के कर्मचारियों पर कोर्ट करेगा फैसला

वर्ष 2014 की पॉलिसी के तहत पक्के हुए कर्मचारियों पर फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष जनहित याचिका दायर कर रखी है। सर्व कर्मचारी संघ ने अध्यादेश के जरिये हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए दबाव बनाते हुए सरकार के सामने वर्ष 2003 और 2004 की पॉलिसी अपनाने का विकल्प रखा था। सरकार ने इस विकल्प पर अमल तो किया, लेकिन शर्तों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की।

शर्तों में बदलाव बिन किसी कर्मचारी को नहीं फायदा

सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि शर्तों में बदलाव नहीं होने तक कोई कर्मचारी इस पॉलिसी के तहत नियमित नहीं हो सकेगा। वर्ष 2003 की नीति के तहत शर्तें पूरी करने वाले कर्मचारी पहले ही पक्के हो चुके। पुरानी पॉलिसी के मुताबिक कर्मचारियों के लिए 30 सितंबर 2003 तक तीन साल का सेवाकाल पूरा करने, निर्धारित शैक्षणिक योग्यता, कर्मचारी अपनी मर्जी से साल में 30 दिन और प्रशासनिक कारण से छह महीने तक सेवा से बाहर न रहा हो और खाली पदों पर लगा होना चाहिए जैसी शर्तें रखी गईं थी। जब तक सरकार 2003 व 2004 में किए गए संशोधन की शर्तों में छूट नहीं देती, तब तक कर्मचारी रेगुलर नहीं होंगे।

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