हरियाणा में गांवों में महंगी हुई संपत्ति की रजिस्ट्री, स्टांप ड्यूटी पर दो फीसद की बढ़ोतरी

हरियाणा सरकार ने संपत्ति की रजिस्ट्री पर दो फीसद स्टांप ड्यूटी बढ़ा दी है। अब ग्रामीण इलाकों में दो फीसद अतिरिक्त चार्ज लगेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार के इस फैसले की निंदा की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 01:30 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 01:30 PM (IST)
हरियाणा में गांवों में महंगी हुई संपत्ति की रजिस्ट्री, स्टांप ड्यूटी पर दो फीसद की बढ़ोतरी
हरियाणा के ग्रामीण इलाकों पर संपत्ति की रजिस्ट्री पर स्टांप ड्यूटी बढ़ी। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए स्टांप ड्यूटी की राशि में बढ़ोतरी कर दी है। ग्रामीण एरिया में होने वाली रजिस्ट्री पर दो प्रतिशत चार्ज बढ़ाए गए हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने स्टांप ड्यूटी रुरल (ग्रामीण) एरिया में दो प्रतिशत की वृद्धि के फैसले की कड़ी निंदा की है। सुरजेवाला ने इसे जनविरोधी फैसला बताते हुए तुरंत प्रभाव से इस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है।

सुरजेवाला ने कहा कि यह सरकार केवल जनता पर बोझ डालना जानती है और इस इस फैसले से ग्रामीण इलाकों में रजिस्ट्री कराना महंगा हो जाएगा। अभी तक रूरल एरिया में अगर किसी महिला के नाम रजिस्ट्री होती थी तो उसे केवल तीन प्रतिशत ही स्टांप ड्यूटी देनी होती थी, लेकिन अब इसे पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार यदि कोई पुरुष रजिस्ट्री कराता है तो उसे पांच के बजाय सात प्रतिशत स्टांप ड्यूटी देनी होगी। इसका सीधा मतलब है कि अब रजिस्ट्री कराने पर ज्यादा राजस्व स्टांप ड्यूटी के तौर पर सरकार को देना होगा।

सुरजेवाला ने कहा कि अचल संपत्तियों के कुछ हस्तांतरणों पर मिलने वाली छूट भी अब रोक दी गई है और उन पर भी अब यही स्टांप ड्यूटी लगेगी। सरकार ने बजट का भी इंतजार नहीं किया और यह फैसला बजट से एकदम पहले लिया है। सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा ने पिछले छह साल में जनता पर लगातार आर्थिक बोझ डाला है। जब हरियाणा प्रदेश में कांग्रेस ने 2014 में सरकार छोड़ी तो पेट्रोल पर वैट 21 प्रतिशत था, जिसे भाजपा सरकार में बढ़ाकर 30 प्रतिशत यानी आज के मूल्य पर 18 रुपये कर दिया।

सुरजेवाला के अनुसार डीजल पर वैट 9.24 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 21.40 प्रतिशत यानी आज के मूल्य पर 12 रुपये हो गया है, जिसका मतलब है कि सरकार ने आज के पेट्रोल के मूल्य पर लगभग छह और डीजल पर सात रुपये बढ़ा चुकी है, जिससे सरकार ने 50 हजार करोड़ से ज्यादा वसूले हैं। इन्हीं कारणों से आज कच्चे तेल के सस्ते दामों के बावजूद पेट्रोल व डीजल के दाम प्रदेश में आसमान छू रहे हैं, लेकिन सरकार उस बढ़ोतरी को वापस लेने के बजाय जनता पर अतिरिक्त बोझ लादती जा रही है।

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