हरियाणा में 1726 जनसूचना अधिकारी डिफाल्टर, जुर्माना वसूली के लिए बनी उच्चस्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी

हरियाणा में 1726 जनसूचना अधिकारी डिफाल्टर हैं। इन पर 2.27 करोड़ जुर्माना वसूली के लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी गठित की गई हैैै। सूचना आयोग ने सरकार को डिफाल्टर जनसूचना अधिकारियों की सूची सौंपी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 30 Mar 2021 09:54 AM (IST) Updated:Tue, 30 Mar 2021 05:38 PM (IST)
हरियाणा में 1726 जनसूचना अधिकारी डिफाल्टर, जुर्माना वसूली के लिए बनी उच्चस्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी
हरियाणा में डिफाल्टर अधिकारियों से वसूली के लिए उच्चस्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी गठित। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा राज्य सूचना आयोग के आदेशों के बावजूद जुर्माना राशि न जमा कराने वाले डिफाल्टर जनसूचना अधिकारियों की अब खैर नहीं। लोकायुक्त कोर्ट में शिकायत दर्ज होने पर हरियाणा सरकार ने चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में बकाया जुर्माना वसूली के लिए उच्चस्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी गठित की है। राज्य सूचना आयोग ने सभी डिफाल्टर जनूसचना अधिकारियों की सूची सरकार को सौंपते हुए आयोग के कार्य को सुचारू करने के लिए रजिस्ट्रार सहित पांच कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग भी की है। मामले की अगली सुनवाई लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल 13 मई को करेंगे।

पानीपत के आरटीआइ एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने 21 जुलाई 2020 को लोकायुक्त को शिकायत भेजकर आरोप लगाया था कि हरियाणा में आरटीआइ एक्ट का भट्ठा बैठ चुका है। अधिकांश जन सूचना अधिकारी न तो निर्धारित 30 दिन में सूचना देते हैं और न ही राज्य सूचना आयोग द्वारा लगाई जुर्माना राशि जमा कराते हैं। राज्य सूचना आयोग ने वर्ष 2006 से दिसंबर 2019 तक प्रदेश में राज्य जनसूचना अधिकारियों पर 3,50,54,740 रुपये जुर्माना लगाया था, लेकिन 1726 डिफाल्टर जनसूचना अधिकारी 2.27 करोड़ रूपये से ज्यादा की जुर्माना राशि वर्षों से दबाए बैठे हैं। डिफाल्टरों में कई एचसीएस अधिकारी भी शामिल हैं।

कपूर की शिकायत पर लोकायुक्त ने संज्ञान लेते हुए हरियाणा सरकार व राज्य सूचना आयोग से जवाब तलब किया। इस पर प्रदेश सरकार व राज्य सूचना आयोग ने लोकायुक्त को सूचित किया कि हरियाणा सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जुर्माना राशि वसूली के लिए मॉनिटरिंग कमेटी गठित की है। यह कमेटी हर तीन महीने बाद मीटिंग करके जुर्माना राशि वसूली कार्य की समीक्षा करेगी व त्वरित वसूली के लिए निर्देश जारी करेगी। राज्य सूचना आयोग को हर तीन महीने बाद डिफाल्टर जनसूचना अधिकारियों की सूची प्रशासनिक सुधार विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी/प्रिंसिपल सेक्रेटरी को देनी होगी।

ये है मॉनिटरिंग कमेटी

चीफ सेक्रेटरी (चेयरमैन), प्रशासनिक सुधार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव (सदस्य सचिव), संबंधित विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (सदस्य) व राज्य सूचना आयोग के रजिस्ट्रार (सदस्य)।

प्रमुख डिफाल्टर एचसीएस अधिकारी

बिजेंद्र हुड्डा (1,0 0000) गायत्री अहलावत (5,000) कु. शालिनी चेतल(25,000) प्रवीन कुमार (15,000) अरविंद मलहान (40,000) प्रशांत इस्कान (7500) मुकेश सोलंकी (1500) रीगन कुमार (10,000) संजय सिंगला (25,000) मनोज कुमार (5,000) राजेश कौथ (25,000) सतबीर झांगू (25,000) आरपी मक्कड़ (25,000)

अन्य प्रमुख डिफॉल्टर अधिकारी

वीएन भारती तत्कालीन ईओ नगर परिषद हांसी (1,82,000) अमन ढांडा तत्कालीन ईओ नगर परिषद हांसी (1,50,000) दीपक सूरा तत्कालीन ईओ नगर निगम यमुनानगर (1,10,000) नवीन अग्रवाल तत्कालीन अधीक्षक स्कूली शिक्षा विभाग निदेशालय (1,06,000) सतीश यादव तत्कालीन भूमि अधिग्रहण अधिकारी गुरुग्राम (75,000) योगेंद्र यादव तत्कालीन डीएफएसओ पलवल (25,000)

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