हरियाणा में 16 डीएसपी को एएसपी के पद पर नियुक्ति देने की मिली इजाजत
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 16 डीएसपी को एएसपी पद पर नियुक्ति देने की हरियाणा सरकार को छूट दे दी है। इस संबंध में खेल कोटे से भर्ती डीएसपीज ने हाई कोर्ट ने याचिका दायर की हुई है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को राहत देते हुए उन सभी डीएसपी को एएसपी के पद पर नियुक्ति देने की छूट दे दी है जिनका पिछले दिनों एएसपी के पद पर पदस्थापित किया था। हाई कोर्ट ने 7 अक्टूबर को स्पोट््र्स कोटा डीएसपी द्वारा वरिष्ठता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इन डीएसपी को नियुक्ति न देने को सरकार को कहा था।
इसके बाद सरकार ने इन प्रमोशन पर कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा, सरकार का पक्ष सुनने के बाद हाई कोर्ट ने डीएसपी को एएसपी के पद पर नियुक्ति देने की छूट दे दी। इस मामले में अगली सुनवाई 3 नवम्बर को होगी। हरियाणा में खेल कोटा से सीधा भर्ती हुए डीएसपी ने अपनी नियुक्ति की तिथि से डीएसपी के तौर पर वरिष्ठता सूची में शामिल करने के आदेश दिए जाने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की हुई है और यह मामला अभी हाई कोर्ट में विचाराधीन है।
डीएसपी ममता व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर वरिष्ठता क्रम को चुनौती दी है। याची ने कहा कि वे अपनी खेल प्रतिभा के दम पर सरकार की पालिसी के अनुरूप सीधी भर्ती के जरिए डीएसपी बने थे। डीएसपी पद के लिए प्रोबेशन तीन साल का होता है। नियम के अनुसार तीन साल बाद भी तब तक खुद ब खुद डीएसपी कन्फर्म नहीं होते जब तक मंजूर पद खाली न हो। याची ने कहा कि जब कोई सीधी भर्ती से आता है तो वह सीधे तौर पर मंजूर पद की एवज में भर्ती होता है।
याचिकाकर्ता लंबे समय से हरियाणा पुलिस में अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हें कंफर्म तक नहीं किया गया। वर्तमान में 232 पदों पर 232 डीएसपी कार्यरत हैं और इनमें से याचिकाकर्ता के बाद 131 प्रमोशन के जरिए भर्ती हुए और 36 सीधी भर्ती से। याचिकाकर्ताओं को अभी तक कन्फर्म नहीं किया गया है जिसके चलते वे वरिष्ठता में पिछड़ रहे हैं। वरिष्ठता जोडऩा का पैमाना डीएसपी के तौर पर कंफर्म होने की तिथि है और ऐेसे में याचिकाकर्ता को कंफर्म न किए जाने के कारण वे पिछड़ रहे हैं। याची ने अपील की कि उनकी नियुक्ति की तिथि से उनका कंफर्म किया जाए, ताकि वे प्रमोशन का लाभ पा सके। हाई कोर्ट से अपील की गई कि कंफर्म होने की तिथि से नहीं बल्कि नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता जोड़ी जाए। हाई कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार सहित डीजीपी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा हुआ है।