संशोधित: हथीन में चल रहा नकली पनीर बनाने का धंधा

शैंपू तथा डिटरजेंट पाउडर हाईड्रोजन पैराआक्साईड मेलामाइन पामोलीन आयल की मिलावट करके बनाए जाने वाले पनीर की सप्लाई आसपास के बड़े शहरों में बेरोकटोक होती है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 04:31 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 08:13 PM (IST)
संशोधित: हथीन में चल रहा नकली पनीर बनाने का धंधा
संशोधित: हथीन में चल रहा नकली पनीर बनाने का धंधा

मोहम्मद हारून, हथीन:

क्षेत्र में नकली पनीर बनाने का धंधा पिछले काफी समय से चल रहा है। दीपावली आते ही नकली पनीर की खपत बढ़ने के कारण पनीर की उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया जाता है। शैंपू तथा डिटरजेंट पाउडर, हाईड्रोजन पराआक्साईड, मेलामाइन, पामोलीन आयल की मिलावट करके बनाए जाने वाले पनीर की सप्लाई आसपास के बड़े शहरों में बेरोकटोक होती है। यदा कदा स्वास्थ्य विभाग की टीमें जब छापे की कार्रवाई करती हैं तो पनीर व्यवसाय से जुड़े लोग ले देकर मामले को रफा-दफा कर देते हैं।

भीमसीका गांव में शुक्रवार को पकड़ी गई नकली पनीर की 3,000 किलो की खेप से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये काम कितने बड़े स्तर पर हो रहा है। भीमसीका गांव की डेयरी तो एक बानगी है, इससे बड़े-बड़े कई कारोबारी नकली पनीर बेचकर लोगों की जिदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक क्षेत्र में जो नकली पनीर का खेल हो रहा है। इसकी सप्लाई फरीदाबाद, दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, पानीपत, सोनीपत व आसपास के शहरों में होती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से मिलावटी पनीर सेहत के लिए नुकसानदायक बताई गई है। इसका लगातार इस्तेमाल करने से कैंसर जैसे रोग भी हो सकते हैं, लेकिन सस्ती लागत से मोटी कमाई करने पर आमादा इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को इंसान की सेहत की कोई परवाह नहीं है। इस व्यवसाय से जुड़े लोग 80 रुपये में मिलावट करके एक किलो पनीर तैयार कर लेते हैं।

नकली पनीर को बाजार में 150 से 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेच देते हैं। पनीर ही नहीं खोवा व क्रीम में भी मिलावट का खेल जारी है। इसी खोवा व पनीर से मिलावट की मिठाईयां बाजार में खूब बिक रही हैं। धीमा जहर खिलाने वाले ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। अगर कोई कार्रवाई होती भी है तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ले देकर मामले को निपटा देते हैं। ऐसे होता है मिलावट का खेल:

डेयरी के एक कर्मचारी के अनुसार सूखे दूध में पामोलिन तेल व पानी मिलाकर लिक्विड घोल में शैंपू तक मिलाया जाता है। कुछ पनीर निर्माता डिटरजेंट का इस्तेमाल नकली दूध में झाग बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद हाईड्रोजन पराआक्साइड व मेलामाइन जैसे केमिकल के माध्यम से दूध को फाड़ने का काम शुरू होता है। गर्म करके इसी दूध को फिर से ठंडा करके नकली पनीर तैयार किया जाता है। इसमें कई केमिकल सफाई के लिए डाले जाते हैं, जिससे पनीर सफेद व सुंदर लगता है। केमिकल से होने वाले नुकसान:

स्वास्थ्य विभाग प्रवर चिकित्सा अधिकारी डा. विजय कुमार की माने तो हाईड्रोजन पराआक्साइड केमिकल अक्सर झाग बनाता है। कई बार इसे जख्म को साफ करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह शरीर की कोशिकाओं को कमजोर करने काम करती है। इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से अन्य बीमारियों के अलावा कैंसर का भी खतरा रहता है।

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