लापरवाही से खतरे में रहती है जान, फिर भी नहीं देते ध्यान

यातायात नियमों की अवहेलना कर सड़कों पर फर्राटे भरते दोपहिया तिपहिया व चौपहिया वाहनों के किशोर चालक खुद की तो जान जोखिम में डालते ही हैं औरों के लिए भी खतरा बनते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 08:11 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 08:11 PM (IST)
लापरवाही से खतरे में रहती है जान, फिर भी नहीं देते ध्यान
लापरवाही से खतरे में रहती है जान, फिर भी नहीं देते ध्यान

संजय मग्गू, पलवल

यातायात नियमों की अवहेलना कर सड़कों पर फर्राटे भरते दोपहिया, तिपहिया व चौपहिया वाहनों के किशोर चालक खुद की तो जान जोखिम में डालते ही हैं, औरों के लिए भी खतरा बनते हैं। ज्यादातर किशोर वाहन चालकों को न तो हेलमेट पहनना अच्छा लगता है तथा न ही सीट बेल्ट लगाना। गलत दिशा में चलना, वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करना यह सब लापरवाही अक्सर हादसों का सबब बनती हैं। ऐसा नहीं कि नियमों की अनदेखी केवल किशोर या युवा ही करते हैं, बल्कि अधेड़ उम्र के लोग तथा महिलाएं भी यातायात नियमों की अनदेखी में पीछे नहीं रहते। यूं तो शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर यातायात पुलिस तैनात रहती है, लेकिन वाहन चालकों की लापरवाही को नजर अंदाज ही करती है। हालांकि, पुलिस का दावा है कि केवल कानूनी डंडे से काम नहीं चलेगा, इसके लिए आमजन को भी यातायात के नियमों के पालन में अपना दायित्व निभाना होगा। इनसे रहता है हादसों का खतरा सड़कों पर खड़े वाहन: जिले में शायद ही ऐसा कोई चौराहा व सड़क होगी, जहां अवैध सवारियां ढोने वाले तिपहिया व वाहन न खड़े हों। इतना ही नहीं अधिकांश तिपहिया व डग्गेमार वाहन चालकों के पास तो ड्राइविग लाइसेंस तक नहीं होते हैं। पुलिसकर्मी चौराहे पर खड़े तो रहते हैं, लेकिन वे इनका तमाशा देखते रहते हैं। कुछ ऐसा ही सड़क किनारे खड़े होने वाले भारी वाहनों के मामले में होता है, जो कि सूचनात्मक संदेश तक नहीं लगाते। गलत दिशा में वाहन चलाना : राष्ट्रीय राजमार्ग हो या फिर लिक मार्ग, गलत दिशा में वाहन चलाना जैसे आम बात है। इनसे जाम भी लगता है व दुर्घटनाओं का भी खतरा बना रहता है। गलत दिशा में वाहन दौड़ाते सबसे ज्यादा तिपहिया व ट्रैक्टर चालकों को देखा जा सकता है। यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने के कारण ऐसा होता है। हेलमेट से कोई सरोकार नहीं: ज्यादातर दोपहिया चालकों को हेलमेट पहनने की आदत नहीं है। इन पर न तो पुलिस की कार्रवाई असर करती है व न ही जागरूकता अभियान। इसमें भी दिलचस्प पहलू यह है कि बाहरी लोग हेलमेट पहन कर चलते हैं, तो यातायात पुलिस भी सबसे अधिक उन्ही की जांच करती है। कार व अन्य चार पहिया वाहन चालक भी बिना सीट बेल्ट गाड़ी चलाते नजर आते हैं। शहर के विभिन्न चौराहों पर पुलिस की नजरों के सामने ही यातायात नियमों को ठेंगा दिखाते लोग देखे जा सकते हैं। अवैध वाहन सवारियां भरने व उल्टे सीधे वाहन खड़ा करने से स्पष्ट है कि कहीं न कहीं इच्छा शक्ति का अभाव है। जागरूकता तो जरूरी है ही, पर सख्ती से ही काम बनेगा।

- यशपाल मंगला, सामाजिक कार्यकर्ता पुलिस का प्रयास है कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए जो भी प्रयास हो, वह किए जाएं। चौराहों व सड़कों पर वाहन खड़े करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ नए ट्रैफिक कानून के हिसाब से चालान भी किए जाते हैं।

- रविद्र सिंह, यातायात पुलिस प्रभारी

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