मौलिक कर्तव्यों के पालन से होता है सु²ढ़ समाज का संचालन

जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं प्राधिकरण के चैयरमेन चंद्रशेखर ने आगामी 22 अक्टूबर को आयोजित होने वाले मेगा शिविर के ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार के लिए मोबाइल वैन द्वारा जागरूकता अभियान का शुभारंभ हरी झंडी दिखाकर जिला अदालत से जिला पलवल के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लिए रवाना किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 05:43 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 05:43 PM (IST)
मौलिक कर्तव्यों के पालन से होता है सु²ढ़ समाज का संचालन
मौलिक कर्तव्यों के पालन से होता है सु²ढ़ समाज का संचालन

जागरण संवाददाता, पलवल: आजादी का अमृत महोत्सव राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन चंद्रशेखर व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एंव सचिव पीयूष शर्मा के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में पैनल अधिवक्ता नवीन रावत, नारायण परमार, कृष्णा शर्मा, जगत सिंह रावत व सक्षम युवाओं द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाल पलवल व राजकीय उच्च विद्यालय बघौली व मांदकौल, कैंप स्कूल पलवल तथा असावटा, छज्जू नगर, रोनीजा, चव्वन नंगला, डराना, घासेडा, गुलावद पलवल के विभिन्न गांवों में कानूनी जागरूकता शिविरों का आयोजन किया।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं प्राधिकरण के चैयरमेन चंद्रशेखर ने आगामी 22 अक्टूबर को आयोजित होने वाले मेगा शिविर के ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार के लिए मोबाइल वैन द्वारा जागरूकता अभियान का शुभारंभ हरी झंडी दिखाकर जिला अदालत से जिला पलवल के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लिए रवाना किया। उनके साथ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं प्राधिकरण के सचिव पीयूष शर्मा व अन्य न्यायाधीश भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि इस मोबाइल वैन जागरूकता अभियान का उद्देश्य जन-जन तक आगामी 22 अक्टूबर को मेगा शिविर के बारे में जागरूक करना है ताकि हर जरूरतमंद मेगा शिविर के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सके।

न्यायाधीश ने बताया कि मेगा शिविर में कानूनी जागरूकता, मुफ्त कानूनी सलाह, निशुल्क स्वास्थ्य जांच, वैक्सीनेशन, पौधा वितरण, निश्शुल्क साहित्य वितरण का निश्शुल्क लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मेगा शिविर में विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद होंगे। संबंधित विभागों से जुड़े हुए विवादों को भी रखा जा सकता है। शिविरों में पैनल अधिवक्ताओं ने विभिन्न कानूनी विषयों पर छात्रों व ग्रामीणों को जागरूक किया।

उन्होंने लोक अदालत के फायदों के बारे में बताया कि कोई विवाद कोर्ट में लंबित है या फिर कोई विवाद अभी कोर्ट में पहुंचा ही नहीं है और कोई पक्ष आपसी समझौता से विवाद को निपटाना चाहता है तो लोक अदालत में रखा जा सकता है। मौलिक कर्तव्यों में बताया कि आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्र की सुरक्षा एवं सेवा करना। कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न अपराध है। अधिनियम 2007 के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को भरण-पोषण के अलावा भोजन, वस्त्र, आवास आदि उपलब्ध कराया जाता है। एसिड हमला, नाबालिग का शारीरिक शोषण, मानव तस्करी से पीड़ित का पुनर्वास, यौन उत्पीड़न, मृत्यु, स्थायी विकलांगता, आंशिक विकलांगता आदि मामलों में हरियाणा पीड़ित मुआवजा योजना के अंतर्गत पीड़िता को मुआवजा दिलवाने के लिए प्राधिकरण से संपर्क किया जा सकता है। मध्यस्थता केंद्र में अपने मामलों को सुलह समझौता से निपटारे द्वारा अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचा जा सकता है।

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