13 जून तक हो सकती है बूंदाबांदी
इस समय गर्मी से फसलें पानी की कमी के कारण मुरझाने लगी है। ऐसी दशा में हल्की बूंदाबांदी भी फसलों को काफी राहत दे सकती है।
संवाद सहयोगी, पलवल: इस समय गर्मी से फसलें पानी की कमी के कारण मुरझाने लगी है। ऐसी दशा में हल्की बूंदाबांदी भी फसलों को काफी राहत दे सकती है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. महावीर मलिक के अनुसार 13 जून तक बीच-बीच में आंशिक बादल, हवाएं चलने, कहीं-कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश की संभावना है। 14 जून से फिर मौसम खुश्क रहने की संभावना है।
महावीर सिंह मलिक ने कहा कि किसान फसलों की बिजाई मौसम को ध्यान में रखकर करें। वर्षा न हो तो फसलों में आवश्यकतानुसार सिचाई करते रहें। बूंदाबांदी या वर्षा होने पर फसलों में निराई-गुड़ाई अवश्य कर दें, ताकि नमी देर तक संचित रहे। गर्मियों की मूंग में पकी हुई फलियां तोड़ते रहें या 70 से 80 फीसद फलियां पकने पर फसल की कटाई कर लें। धान की पौध से खरपतवार निकालते रहें। गन्ने की फसल में नाइट्रोजन की तीसरी मात्रा 45 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ इस महीने के अंत तक अवश्य डाल दें। खरीफ की फसल के लिए टमाटर, बैंगन, मिर्च के बीज की नर्सरी में बिजाई करें। अमरूद में मक्खी से बचाव के लिए फोरोमेन ट्रैप का प्रयोग करें। बेर में प्रति पेड़ एक क्विंटल गोबर की खाद तथा ढाई किलो सिगल सुपर फास्फेट डालकर सिचाई कर दें।