एक स्कूल ऐसा, जहां दो शिक्षक और एक बच्चा

जिले के पलवल खंड का एक स्कूल ऐसा भी है जहां स्कूल रिकॉर्ड में मात्र छात्र है जबकि उसे पढ़ाने के लिए दो शिक्षक तैनात किए गए हैं। हालांकि जब स्कूल में जाकर देखा गया तो एक बच्चा भी नहीं मिला।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Feb 2020 06:11 PM (IST) Updated:Sun, 09 Feb 2020 06:19 AM (IST)
एक स्कूल ऐसा, जहां दो शिक्षक  और एक बच्चा
एक स्कूल ऐसा, जहां दो शिक्षक और एक बच्चा

विनोद शर्मा, पलवल

जिले के पलवल खंड का एक स्कूल ऐसा भी है जहां स्कूल रिकॉर्ड में मात्र एक छात्र है जबकि उसे पढ़ाने के लिए दो शिक्षक तैनात किए गए हैं। हालांकि जब जागरण की टीम स्कूल में गई तो वहां वो एक बच्चा भी नहीं मिला। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से ऐसे स्कूलों की लिस्ट मांगी थी, जिनमें छात्र 25 से कम हैं। जिले में 12 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जिनमें बच्चों की संख्या 25 से कम है।

विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक पलवल खंड के गांव जोहरखेड़ा के प्राइमरी स्कूल में मात्र एक छात्र है, जिसके लिए दो शिक्षक, एक मिड डे मील वर्कर व एक चौकीदार तैनात है। हालांकि वहां के शिक्षकों के मुताबिक रिकॉर्ड में तो एक ही छात्र है, लेकिन अब दूसरे छात्र का दाखिला भी करवाया गया है। जब मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया तो वहां एक भी छात्र नहीं मिला व शिक्षक बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) का कार्य करते मिले। वहां मौजूद शिक्षक दीपक मदान के अनुसार उनके अलावा यहां दूसरे शिक्षक वीर सिंह यादव, मिड डे मील वर्कर लक्ष्मी व चौकीदार दयाराम यानी चार लोगों की ड्यूटी है। उन्होंने बताया कि इस गांव के लोग साधन संपन्न हैं व अपने बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ाते हैं। यहां कुछ मजदूर किराये पर रहते हैं, जिनका एक बच्चा यहां कभी-कभी पढ़ते आ जाता है, जिसके लिए गांव में मिड डे मील की गाड़ी आती है। एक अन्य मजदूर के बच्चे का भी दाखिला अभी कराया है। मजदूरों से बार-बार अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कहा जाता है व कभी कभी हम खुद मोटरसाइकिल पर बिठाकर स्कूल लाते हैं।

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इन स्कूलों की संख्या है 25 से कम

खंड स्कूल का नाम छात्र संख्या शिक्षकों की संख्या

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल जोहरखेड़ा 1 2

होडल राजकीय प्राइमरी स्कूल गोपालगढ़ 8 2

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल ककराली 14 1

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल कैराका 15 2

होडल राजकीय प्राइमरी स्कूल फुलवाड़ी 17 3

हथीन राजकीय प्राइमरी स्कूल आलूका 18 2

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल मुनीरगढ़ी 19 2

होडल राजकीय प्राइमरी स्कूल धानी माजरा 19 2

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल दहलाका 20 2

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल मिलकगिन्नी 21 2

पलवल राजकीय प्राइमरी स्कूल राखोता 22 2

हथीन राजकीय प्राइमरी स्कूल नौरंगाबाद 23 2

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शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया था कि जिन प्राथमिक पाठशालाओं में 25 से कम विद्यार्थी हैं, उन स्कूलों को बंद किया जाएगा व उनके बच्चों तथा शिक्षकों को नजदीक के स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। इससे पढ़ाई का स्तर सुधरेगा व खर्चा कम होगा। हालांकि अब अध्यापक संघ के विरोध को देखते हुए इन स्कूलों को मार्च तक समय दिया गया है, जिनमें बच्चों की संख्या बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं। माना जा रहा है है कि 20 से कम संख्या वाले स्कूल यदि बच्चों की संख्या बढ़ा लेंगे तो वे बच जाएंगे, जबकि इससे कम संख्या वाले स्कूलों का बंद होना तय है।

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सरकर की नीति जनविरोधी है, जिससे शिक्षा में सुधार करने की बजाय स्कूलों को बंद करने का फरमान दिया था। अध्यापक संघ इसका विरोध करेगा व स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने व अभिभावकों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगा।

-गीतेश कुमार, महासचिव, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ पलवल

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25 से कम बच्चों वाले स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकों को मौका दिया गया है। शिक्षक घर घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे व अभिभावकों को अपने बच्चों के दाखिले के लिए प्रेरित करेंगे।

-अशोक बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी

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