गुड़ चने से दूर होगी गर्भवतियों में खून की कमी
गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए अब गुड़ चना खाने की सलाह दी जा रही है। आसानी से गुड़ उपलब्ध होने से इसको हर कोई प्रयोग कर सकता है।
संवाद सहयोगी, पलवल : गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए अब गुड़ चना खाने की सलाह दी जा रही है। जिले में जिस तरह से एनीमिया से प्रभावित महिलाओं और किशोरियों की संख्या बढ़ रही है, उसके चलते गर्भवतियों को विभाग की ओर से गोद भराई में दिए जाने वाला सामान भी गुड़ से तैयार हुआ दिया जा रहा है। बाल विकास विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इसके प्रयोग से शरीर में आयरन सहित कई पोषक तत्वों की पूर्ति होगी।
विभाग के अनुसार जिले की महिलाओं में एनीमिया यानी खून की कमी पाई जा रही है तथा अुमानत: प्रत्येक चौथी महिला एनीमिया से ग्रस्त है। इसमें शरीर में आयरन सहित कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। आयरन की कमी के कारण महिलाओं के खून में हीमोग्लोबिन कम बन रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य व बाल विकास विभाग कैंप लगाकर इनकी जांच कराता है और आयरन (फोलिक एसिड) की गोलियां देता है। इनको दूध, हरी सब्जी और फल खाने की सलाह दी जाती है, जिसको ज्यादातर प्रयोग नहीं करते। अब अधिकारियों ने इसका रास्ता निकाल लिया है। एनीमिया की पुष्टि होने के बाद महिलाओं और किशोरियों को गुड़ का प्रयोग कराया जा रहा है। इसके साथ ही चीनी का प्रयोग बंद करा दिया जाता है। अन्य पदार्थो के मुकाबले सस्ता है गुड़ चना :
अधिकारियों के अनुसार आयरन चुकंदर, पिस्ता, अनार, सेब, पालक, किशमिश, अंजीर, अमरूद, केला, अंकुरित अनाज, बादाम, काजू व अखरोट आदि में पाया जाता है। इन सभी के मुकाबले गुड़ आसानी से उपलब्ध है। प्रत्येक महिला को गुड़ का नियमित उपयोग करना आसान भी रहता है। गुड़ में आयरन के साथ ही विटामिन पाए जाते हैं। इनके साथ ही पोटेशियम, गंधक, फास्फोरस और कैल्शियम भी पाए जाते हैं। गुड़ गर्भवती महिलाओं में एनीमिया दूर करने में कारगर पाया गया है। हम गुड़ के साथ ही तिल व चने का प्रयोग भी करा रहे हैं। इनके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। गर्भवतियों और किशोरियों को चीनी बंद कराकर गुड़ प्रयोग कराने का अभियान शुरू किया गया है। विभाग की ओर से दिए जाने वाले उपहार में भी गुड़ ही दे रहे हैं।
- मीनाक्षी चौधरी, महिला व बाल विकास परियोजना अधिकारी