क्षेत्र में 27 हजार हेक्टेयर भूमि में हुई रबी की बोआई

चालू रबी सत्र के दौरान अब तक क्षेत्र में 27 हजार हेक्टेयर भूमि में अच्छी पैदावार हुई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 10:51 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 10:51 PM (IST)
क्षेत्र में 27 हजार हेक्टेयर भूमि में हुई रबी की बोआई
क्षेत्र में 27 हजार हेक्टेयर भूमि में हुई रबी की बोआई

मोहम्मद हारून, हथीन: चालू रबी सत्र के दौरान अब तक क्षेत्र में 27, हजार हेक्टेयर भूमि में किसान बोआई कर चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा 23, 500 हेक्टेयर में गेहूं की बोआई हुई है। इसके अलावा सरसों की बोआई 3,200 हेक्टेयर में की गई है। जबकि जौ की बोआई केवल 310 हेक्टेयर में बताई गई। कुछ भूमि में चरी चारे की बोआई के साथ अन्य फसलें किसानों ने बोई हैं। सरसों की बोआई पिछले वर्ष की तुलना में कहीं ज्यादा है।

इस बार गेहूं व सरसों की फसल अच्छी दिखाई दे रही है, जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए हैं।

बता दें कि हथीन क्षेत्र के 84 गांवों में 33, 000 कृषि योग्य भूमि है। यहां पर रबी के मौसम में मुख्य रूप से गेहूं, जौ, सरसों की फसलें बाई जाती हैं। वहीं खरीफ के मौसम में कपास, गन्ना, धान , ज्वार व बाजरा की फसल बोई जाती है। इस बार बरसात के मौसम में जमीन में अच्छी खासी नमी के कारण रबी की फसल ठीक ठाक बताई गई है। खासकर सरसों की फसल पिछले वर्ष के मुकाबले 1,500 हेक्टेयर में ज्यादा बोई गई है। क्षेत्र में इस बार गेहूं , सरसों की फसल अच्छी होने के कारण किसानों के चेहरे पर रौनक दिखाई देने लगी है। किसानों का कहना है कि इस बार रबी की फसल पिछले वर्ष की तुलना में अच्छी निकली है। अगर आगे भी मौसम अनुकूल रहा तो इस बार बंपर पैदावार की संभावना दिखाई दे रही है। जो कृषि के लिए ठीक है। इस बार सरसों व गेहूं की फसल बढिय़ा है। इसका प्रमुख कारण बरसात के मौसम में अच्छी बारिश का होना रहा है।

--दिनेश शर्मा, किसान घर्रोट गेहूं की फसल अच्छी दिखाई पड़ रही है। अगर आगे भी मौसम अनुकूल रहा तो बंपर पैदावार होने की संभावना है। यह कृषि के लिए शुभ संकेत हैं।

--हरी वंश शास्त्री, किसान कोंडल फिलहाल तो फसलें अच्छी दिखाई पड़ रही है। लेकिन खाद समय पर नहीं मिलने फसलें पर असर पड़ सकता है। सरकार खाद की पुख्ता व्यवस्था करे।

-- राकेश देशवाल, किसान पोंडरी

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गेहूं व सरसों की फसल क्षेत्र में ज्यादा बोई गई है। बरसात में अच्छी खासी बरसात होने से खासकर सरसों के लिए बहुत ही उपयोगी रही है।

-- मुकेश कुमार, क्षेत्रिय कृषि अधिकारी हथीन

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