पुलिस लाइन में मनाया पुलिस शहीदी दिवस
इस अवसर पुलिस अधीक्षक दीपक गहलावत द्वारा शहीदों के परिवारों को सम्मानित भी किया गया।
जागरण संवाददाता, पलवल: जिला पुलिस लाइन में पुलिस शहीदी दिवस मनाया गया। ड्यूटी के दौरान अपनी शहादत देने वाले पुलिस के शहीद जवानों को याद किया गया व शहीद स्मारक पर पुष्प व पुष्प माला अर्पित श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पुलिस अधीक्षक दीपक गहलावत द्वारा शहीदों के परिवारों को सम्मानित भी किया गया। जिला पुलिस अधीक्षक दीपक गहलावत ने कहा कि 21 अक्टूबर के दिन को बड़े ही गौरव के साथ मनाया जाता है क्योंकि इस दिन पुलिस के उन शहीद जवानों को याद किया जाता जो देश हित व जनता की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर वीरगति को प्राप्त हुए।
जनवरी 1960 में राज्यों व संघ शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षक की आयोजित वार्षिक सम्मेलन में यह फैसला लिया गया कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख में मारे गए इन वीर पुलिसकर्मियों को याद रखने के लिए पूरे भारत वर्ष में प्रत्येक वर्ष सभी पुलिस लाइन में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
दीपक गहलावत ने कहा कि पलवल जिले के गांव गुदराना निवासी ईएचसी बाबूराम, उटावड़ निवासी सिपाही उमर मोहम्मद व भिडूकी गांव निवासी सिपाही ब्रजभूषण भी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हुए शहीद हुए। ईएचसी बाबूराम नौ दिसंबर वर्ष 2009 में गुरुग्राम में तैनात थे। उसी समय कंट्रोल रूम से मिली सूचना के आधार पर वह खांडसा मार्ग पर बोलेरो गाड़ी को रूकवाने का प्रयास कर रहे थे। उसी दौरान बोलेरो कार चालक ने बाबूराम को सीधी टक्कर मार दी, जिससे मौके पर बाबूराम शहीद हो गए। इसी प्रकार सिपाही उमर मोहम्मद आठ फरवरी वर्ष 2008 को गुरुग्राम में तैनात थे और राजस्थान के भरतपुर में कुख्यात अपराधियों की धरपकड़ करने के दौरान व अपराधियों की गोली का शिकार हुए और वीरगति को प्राप्त हो गए। इसी प्रकार सिपाही ब्रजभूषण भी 13 फरवरी वर्ष 2007 में दिल्ली के थाना न्यू फ्रेंड्स कालोनी में ड्यूटी के दौरान लूटेरों से हुई मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए थे। तीनों शहीद पुलिस कर्मियों को उनके बलिदान व अदम्य साहस के लिए देश के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।
इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक ने शहीदों के परिवारों को सम्मानित करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि पुलिस प्रशासन हर समय उनके साथ है। वहीं शहीद सिपाही उमर मोहम्मद के पिता इदरीश ने कहा कि आज उन्हें अपने बेटे के कुर्बानी का बिल्कुल भी गम नहीं बल्कि गर्व है कि उसकी जान देश की रक्षा के काम आई।