लाइन में लगने के बाद भी किसानों को नसीब नहीं हो रहा डीएपी

कृषि विभाग के मुताबिक जिले में लगातार डीएपी खाद की कमी को पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Nov 2021 06:36 PM (IST) Updated:Sun, 07 Nov 2021 06:36 PM (IST)
लाइन में लगने के बाद भी किसानों को नसीब नहीं हो रहा डीएपी
लाइन में लगने के बाद भी किसानों को नसीब नहीं हो रहा डीएपी

जागरण संवाददाता, पलवल: जिले में डीएपी खाद की किल्लत लगातार बनी हुई है। भूखे प्यासे कई घंटों तक लाइनों में लगने के बाद भी किसानों को डीएपी खाद नसीब नहीं हो रहा है। इस बोआई के सीजन में खाद की यह किल्लत किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। वहीं कृषि विभाग के मुताबिक जिले में लगातार डीएपी खाद की कमी को पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बीते सात दिनों में डीएपी खाद के 25 हजार कट्टे जिले के किसानों के लिए आ चुके हैं। अगले कुछ दिनों में झज्जर से किसानों के लिए चार हजार कट्टे और आने वाले हैं। रविवार को ही सोनीपत से एक हजार कट्टे मंगाकर बांटे गए हैं। कृषि विभाग के मुताबिक जिले में एक नवंबर को डीएपी खाद के 25 हजार कट्टे आए थे। जिन्हें जिले में 20 स्थानों पर बांटा गया था। अबतक करीब आठ हजार किसानों को यह डीएपी खाद बांटा जा चुका है। मगर डीएपी का यह स्टाक किसानों के लिए नाकाफी साबित हुआ।

रविवार को भी जिले में प्राइवेट दुकानों पर खाद वितरित किया गया था। शनिवार की शाम को सोनीपत से करीब चार हजार कट्टे पलवल जिले में पहुंचे थे, जिनके लिए किसान टूट पड़े और जमकर मारामारी हुई। रविवार को वितरित हुआ डीएपी ज्यादातर दुकानों पर कुछ ही घंटों के अंदर खत्म हो गया।

दुकानदारों का कहना था कि कंट्टों के लिए किसानों में मारामारी का माहौल है। हर किसी को डीएपी लेने की जल्दी है। प्रशासन द्वारा खाद वितरित करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। किसान उनसे लड़ने को तैयार बैठे हैं। उनके लिए ऐसे हालातों में खाद की बिक्री करना बेहद मुश्किल हो रहा है। खाद की किल्लत को दूर करने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। बीती एक नवंबर को 24 हजार कट्टे डीएपी के आए थे। इसी रविवार को करीब चार हजार कट्टे सोनीपत से आए हैं, जिन्हें प्राइवेट दुकानों पर भिजवाया गया है।

- कुलदीप तेवतिया, एसडीओ, कृषि विभाग हमारी दुकान पर खाद के कट्टे बिक्री के लिए आए हैं। मगर यहां हालात बेकाबू हैं। पुलिस प्रशासन को व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे व्यवस्था के साथ खाद बिक सके।

- विजय बंसल, दुकानदार हम पिछले कई दिनों से खाद के लिए भटक रहे हैं। मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। प्राइवेट दुकानों पर भी खाद खत्म हो गया है।

- बिजेंद्र तेवतिया, किसान, गांव जनौली हमें कई एकड़ की बोआई करनी है। मगर खाद नहीं मिल रहा है। बोआई का समय निकलता जा रहा है। प्रशासन जल्द से जल्द खाद का इंतजाम करे।

- केशराज, किसान, गांव खेड़ा खलीलपुर

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