पराली जलाने वालों की खैर नहीं, कार्रवाई में जुटा कृषि विभाग

इस बार पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए रेड और येलो जोन में चिन्हित किए क्षेत्रों में विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Nov 2021 06:50 PM (IST) Updated:Sun, 07 Nov 2021 06:50 PM (IST)
पराली जलाने वालों की खैर नहीं, कार्रवाई में जुटा कृषि विभाग
पराली जलाने वालों की खैर नहीं, कार्रवाई में जुटा कृषि विभाग

कुलवीर चौहान, पलवल:

जिले में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट पर है। जिले में पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रशासन ने किसानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कृषि विभाग द्वारा इस वर्ष सात नवंबर तक 54 किसानों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सवा लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूला गया है। साथ ही, दो किसानों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। रेड जोन और येलो जोन में बांटे गए थे गांव

बीते साल जिन क्षेत्रों में पराली जलाने के अधिक मामले सामने आए थे, उन्हें कृषि विभाग द्वारा रेड और येलो जोन में बांटा गया था। इस बार पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए रेड और येलो जोन में चिन्हित किए क्षेत्रों में विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया था। जिले के भिडूकी और खांबी गांव को रेड जोन में शामिल किया गया था। वहीं येलो जोन में बांसवा, सौंदहट, सेवली, हसनपुर, कुशक, पिनगवां, रायदासका, असावटा, छज्जूनगर, किठवाड़ी, रसुलूपुर, अलावलपुर, बढराम, जनौली, खजूरका और मांदकौल गांव शामिल थे। कृषि विभाग के मुताबिक इस वर्ष जो पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं, उनमें से सबसे अधिक गांव भिडूकी, खांबी और बांसवा से सामने आ रहे हैं। 54 किसानों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई गई

कृषि विभाग के एसडीओ कुलदीप तेवतिया के अनुसार हरसेक ने जिले में सात नवंबर तक 95 स्थानों पर आग लगा होना दिखाया है। कृषि विभाग की टीम द्वारा करीब 95 स्थानों में से 54 स्थानों पर पराली जलाने की घटनाओं को वैरिफाई किया है। 52 स्थानों पर पराली जलाने की घटनाओं को सत्यापित करते हुए एक लाख 37 हजार 500 रूपये का जुर्माना किसानों पर लगाया गया है। साथ ही दो किसानों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। 16 स्थानों पर आग लगे होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। जांच के लिए अभी भी 25 स्थान लंबित हैं। पिछले वर्ष आए थे पराली जलाने के कुल 104 मामले

जिले में वर्ष 2017 में पराली जलाने के कुल 23 मामले सामने आए थे, जिनमें कुल 57 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। वर्ष 2018 में पराली जलाने के मामले बढ़कर 232 हो गए, जिनमें 48 मुकदमे दर्ज किए गए थे और पांच लाख पांच हजार का जुर्माना लगा था। वर्ष 2019 में पराली जलाने के कुल 79 मामले सामने आए, जिनमें से 70 में मुकदमा दर्ज किया गया था और 42 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। पिछले वर्ष 2020 में पराली जलाने के कुल 104 मामले आए थे, जिनमें दो लाख 92 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। रविवार को प्रदूषण के स्तर में आई कमी, मिली राहत

प्रतिबंध के बाद भी दीपावली पर हुई आतिशबाजी और पराली जलाने से लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर रविवार को नीचे आ गया। रविवार को जिले में प्रदूषण का स्तर 284 रहा। इससे पहले शुक्रवार और शनिवार को प्रदूषण का स्तर बेहद ही खराब श्रेणी में पहुंच गया था। शुक्रवार को प्रदूषण का स्तर 314 था, वहीं शनिवार को यह 384 तक पहुंच गया था।

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