शांतिपूर्ण रहा महौल, दिल्ली जा रहे किसानों को रोका
कृषि से जुड़े केंद्र सरकार के तीन कानून के विरोध में दिल्ली चलो के आह्वान के साथ बृहस्पतिवार को राजधानी में प्रदर्शन करने जा रहे जिले के किसानों को पुलिस ने गदपुरी थाने के पास रोक लिया और वापस पलवल बस अड्डे भेज दिया।
जागरण संवाददाता, पलवल: कृषि से जुड़े केंद्र सरकार के तीन कानून के विरोध में दिल्ली चलो के आह्वान के साथ बृहस्पतिवार को राजधानी में प्रदर्शन करने जा रहे जिले के किसानों को पुलिस ने गदपुरी थाने के पास रोक लिया और वापस पलवल बस अड्डे भेज दिया। प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जिले से करीब 30 से 35 किसान दिल्ली कूच को निकले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। इनमें से कुछ किसान ही फरीदाबाद व दिल्ली के जंतर-मंतर तक पहुंचने में कामयाब रहे।
किसान आंदोलन और विभिन्न कर्मचारी संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही तैयारी कर ली थी, जिसके मद्देनजर शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात दिखी। जिलाधीश ने 25 नवंबर को नोटिस जारी कर जिले में धारा 144 लगा रखी है। बता दें कि नए कृषि कानून के विरोध में तमाम किसान संगठनों ने दिल्ली में 26 और 27 नवंबर को मार्च निकालने का ऐलान किया है। इसी के लिए देश के विभिन्न कोनों से किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। करमन बार्डर पर दिखी सख्ती
हरियाणा यूपी करमन बार्डर पर पुलिस प्रशासन की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए। डीएसपी बलवीर सिंह ने बताया कि किसान आंदोलन को लेकर करमन बार्डर पर भरपूर फोर्स लगाई गई है। उत्तरप्रदेश से आने वाली प्रत्येक गाड़ी को चेक किया जा रहा है। किसान आंदोलन की आड़ में कोई शरारती तत्व दिल्ली में जाकर के उपद्रव ना करें इसलिए गहनता से वाहनों की चेकिग की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले के अंदर माहौल शांतिपूर्ण बना हुआ है। किसान आंदोलनकारी उत्तरप्रदेश की तरफ अभी तक नहीं आया है। यदि कोई हलचल होती है तो कानून के तहत उचित कदम उठाया जाएगा। आज करेंगे रोष प्रदर्शन
अखिल भारतीय किसान सभा के जिला प्रधान धर्मचंद ने बताया कि दिल्ली कूच करते समय हमें पुलिस ने रोक लिया। हम शांत नहीं बैठेंगे। किसान आंदोलन में गिरफ्तार किए किसानों को रिहा करने की मांग करते हुए आज अखिल भारतीय किसान सभा के कार्यकर्ता ताऊ देवीलाल पार्क में रोष प्रदर्शन करेंगे। किसान नेता रूपराम तेवतिया, ताराचंद, किशन चंद,रमेश चंद, दरियाब सिंह व डिगंबर तेवतिया ने केंद्र व राज्य सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा की कृषि कानून किसान को तबाह कर देंगे। किसानों की आवाज को अनसुना करते हुए सरकार बड़े ही निरंकुश तरीके से किसानों के जनतांत्रिक अधिकारों को तहस-नहस कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान किसी कीमत पर अपने आंदोलन को वापिस नहीं लेंगे।