जोहड़ के ओवरफ्लो होने वाले पानी से होगी खेतों की सिचाई

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाकर जल संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय पहल कर चुकी गांव भिडूकी की पंचायत ने जोहड़ के ओवरफ्लो होने वाले पानी से सिचाई के इस्तेमाल करने की योजना तैयार की है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Jun 2020 05:45 PM (IST) Updated:Tue, 30 Jun 2020 06:11 PM (IST)
जोहड़ के ओवरफ्लो होने वाले पानी से होगी खेतों की सिचाई
जोहड़ के ओवरफ्लो होने वाले पानी से होगी खेतों की सिचाई

संजय मग्गू, पलवल

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाकर जल संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय पहल कर चुकी गांव भिडूकी की पंचायत ने जोहड़ के ओवरफ्लो होने वाले पानी से सिचाई के इस्तेमाल करने की योजना तैयार की है। जोहड़ के ओवरफ्लो होने वाले पानी को सीवर लाइन के जरिए खेतों तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जोहड़ का वाटर लेबल तय किया जाएगा तथा उसके ऊपर पहुंचने वाला पानी करीब दो किलोमीटर लंबी सीवर लाइन के जरिए पिट (एक तरह का मैनहोल जिसमें जल का शोधन किया जाता है) से होते हुए खेतों तथा सिचाई के लिए बने नाले तक पहुंचेगा। इससे जहां पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर नहीं आएगा, वहीं सिचाई के लिए भी पानी की अतिरिक्त व्यवस्था हो जाएगी।

गांव भिडूकी में वैसे तो सिचाई के लिए नहरी पानी की भी व्यवस्था है तथा यहां नहर में पानी का बहाव भी ज्यादातर ठीक ही रहता है, लेकिन इसके बावजूद पंचायत जल संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय पहल करती रहती है। अब जोहड़ के ओवरफ्लो होने वाले पानी तथा घरों से निकलने वाले पानी के संरक्षण की योजना के तहत सीवर लाइन डाली जा रही है। जोहड़ से सिचाई वाले नाले तक करीब दो किलोमीटर लंबी सीवर लाइन में जलशोधन की भी योजना तैयार की गई है। सीवर लाइन में करीब हर 300 फुट की दूरी पर पिट बनाई गई है। जिनमें से पानी साफ होकर आगे जाएगा। इस बीच यदि किसी किसान को अपने खेत में पानी की जरूरत होगी तो वह पिट से पानी अपने खर्च पर पाइप डालकर खेत तक ले जा सकेगा अन्यथा सारा पानी सिचाई के नाले में समाहित हो जाएगा। बॉक्स :

ग्रामीणों ने दिखाया सकारात्मक रुख, खुद हटाए अवैध कब्जे: गांव के गउघाट वाले रास्ते में गांव के कुछ लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ था। ग्राम पंचायत ने जब वहां सीवर लाइन डालकर जोहड़ के ओवरफ्लो हाने वाले पानी को सीवर लाइन के जरिए कृषि हेतु उपयोग में लाने की योजना बनाई तो वे अवैध कब्जे इसमें आड़े आने लगे। करीब डेढ़ किलोमीटर तक तो सीवर लाइन बिना किसी व्यवधान के डाल दी गई लेकिन आगे अवैध कब्जों के चलते इसके लिए जगह नहीं बन पा रही थी। ग्राम पंचायत ने अवैध कब्जों को हटाने के लिए बजाय पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के गांव के लोगों की काउंसलिग करने की योजना बनाई। काउंसलिग की गई तो ग्रामीण इसके लिए सकारात्मक पहल करते हुए खुद ब खुद ही तैयार हो गए। जिसका फायदा यह रहा की किसी भी कानूनी पचड़े से बचते हुए ग्रामीण वीरेंद्र नंबरदार, समुंद्र, पतराम, भगवान साह मेंबर, सतेंद्र आदि ने आगे आकर कब्जे हटाए जोकि अन्य लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने व सीवरलाइन का कार्य सिरे चढ़ना शुरू हो गया। असल में गांव में पैमाईश नहीं हुई तो यह पता नहीं था कि उनके यहां अवैध कब्जे हैं। पंचायत ने जब जलसंरक्षण की दिशा में कदम उठाया तो ग्रामीणों ने खुद ही कब्जों को हटा लिया। सीवर लाइन डाले जाने से काफी हद तक सिचाई की समस्या का भी निदान हो जाएगा।

- वीरेंद्र नंबरदार, ग्रामीण पंचायत द्वारा पैमाईश के बाद जब यह बताया गया कि हमारा भी अवैध कब्जा है तो जनहित में उसे तुरंत हटाना शुरू कर दिया। क्योंकि कब्जा भी अनभिज्ञता में हुआ था तो हटाने में सबसे पहले शुरुआत की। आज की जाने वाली पानी की बचत कल के लिए बहुत उपयोगी होगी, तथा हमें इस बात की भी खुशी है कि हम भी पानी बचाने की योजना में सहायक बन रहे हैं।

- समुंद्र सिंह, ग्रामीण छठ वाली जोहड़ को खाली कर इसकी खोदाई कराई जाएगी। जोहड़ को खाली करने के लिए दो जनरेटर लगाए गए हैं तथा खोदाई का कार्य भी शुरू करा दिया गया है। जोहड़ से लेकर सिचाई वाले तक नाले सीवर लाइन डाली जा रही है। करीब दो किलोमीटर लंबी सीवर लाइन में बीच में 15 पिट बनाई जाएंगी, जिनमें गलियों का वह पानी भी जाएगा जो कि घरों से इस्तेमाल के बाद निकलता है। जरूरतमंद किसान जिनके खेत साथ लगते हैं वे पिट से अपने खेत तक पाइप डालकर सिचाई के लिए उस पानी को इस्तेमाल कर सकते हैं। जल्द ही यह सारी योजना तैयार हो जाएगी।

- सत्यदेव गौतम, सरपंच भिडूकी

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