डायल 112 के कंट्रोल रूम में प्राप्त हुई तीन हजार से अधिक काल
आपातकालीन सेवाओं के लिए अलग-अलग नंबर डायल करने के बजाय तीनों आपात सेवाएं पुलिस अग्निशमन व एम्बुलेंस के लिए अपने फोन से 112 डायल कर लोग इसका लाभ ले रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पलवल: डायल 112 जिले वासियों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है। इस हेल्पलाइन सेवा के तहत जिले में बनाए गए मिरर कंट्रोल रूम में डायल 112 के लिए 12 जुलाई 2021 से 12 सितंबर 2021 तक दो महीने की अवधि में तीन हजार 678 काल प्राप्त हुई हैं। इसके तहत काल प्राप्त होते ही मदद मांगने वाले व्यक्ति को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई गई।
एक ही नंबर पर मिल रहा लाभ
आपातकालीन सेवाओं के लिए अलग-अलग नंबर डायल करने के बजाय तीनों आपात सेवाएं पुलिस, अग्निशमन व एम्बुलेंस के लिए अपने फोन से 112 डायल कर लोग इसका लाभ ले रहे हैं। प्रदेश सरकार ने पुलिस की आपात सेवा डायल 100, अग्निशमन के लिए 102 व एम्बुलेंस के लिए डायल 108 सेवा को मर्ज कर डायल 112 से जोड़ दिया है। पलवल जिला को मिली हैं 22 ईआरवी
प्रदेश सरकार द्वारा जिले में स्थित सभी थानों को दो-दो की संख्या में इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल प्रदान किए गए हैं। जिले में 13 थाने हैं, महिला थाना व ट्रैफिक थाने को छोड़कर दो-दो ईआरवी कार्य कर रही हैं। कैसे काम करती है डायल 112
जिला में आपात स्थिति में किसी भी व्यक्ति की ओर से डायल करने पर उसकी काल सीधी पंचकूला में बनाए गए कंट्रोल टावर में कनेक्ट होती है। यदि पंचकूला में सभी लाइन व्यस्त हैं तो काल आटोमेटिक जिले में बनाए गए मिरर कंट्रोल रूम में ट्रांसफर हो जाती है। कंट्रोल टावर से काल जुड़ने के पश्चात उससे संबंधित व्यक्ति के नजदीकी इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल से कनेक्ट कर इसकी जानकारी प्रदान की जाती है। पीएफटी से लैस है डायल 112 वाहन
डायल 112 सेवा से जुड़े प्रत्येक वाहन पर तीन पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही वाहन के डैशबोर्ड पर आधुनिक पीएफटी यानी पोर्टेबल फील्ड टैबलेट लगाए गए हैं, जो सीधे कंट्रोल रूम से जोड़े गए हैं। इसके साथ ही सभी वाहनों पर जीपीएस सिस्टम भी लगाया गया है, जिससे मुख्यालय द्वारा वाहन की मूवमेंट भी ट्रेस की होती रहती है। चार भाषाओं में मिल रही सेवा
हेल्पलाइन 112 पर शिकायतकर्ता चार भाषाओं हिदी, अंग्रेजी, हरियाणवी व पंजाबी में अपनी शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। इसके लिए कंट्रोल रूम में विशेष रूप से प्रशिक्षित लोगों की नियुक्ति की गई हैं। आपात स्थिति में एम्बुलेंस की सेवा भी दे रही है ईआरवी
सड़क दुर्घटनाओं जैसी स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति के लिए डायल 112 वाहन में स्ट्रेचर आदि की भी व्यवस्था की गई है। डायल 112 से जुड़ी ईआरवी में तैनात सभी कर्मियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति में एम्बुलेंस का इंतजार किए बिना डायल 112 ईआरवी के माध्यम से संबंधित व्यक्ति को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया जाए। त्वरित सहायता के उद्देश्य से शुरू की गई डायल-112 हेल्पलाइन जिला में काफी कारगर साबित हो रही है। इससे अपराधियों में भय का माहौल पैदा हो रहा है तो पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी इमरजेंसी सेवाएं 15 से 20 मिनट की समय अवधि में जरूरतमंद नागरिकों तक पहुंच रही हैं।
-दीपक, गहलावत, पुलिस अधीक्षक