भूमि का मुआवजा न मिलने पर किसानों ने किया प्रदर्शन

ट्रैक बिछाने के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर कार्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) द्वारा पांच गांवों (असवाटी ततारपुर जटौला मैदापुर और पृथला) की अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजे और आरआरपी की राशि न मिलने पर मंगलवार को किसानों ने पृथला स्थित डीएफसीसीआइएल के कार्यालय पर प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 06:07 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 06:07 PM (IST)
भूमि का मुआवजा न मिलने पर किसानों ने किया प्रदर्शन
भूमि का मुआवजा न मिलने पर किसानों ने किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, पलवल: ट्रैक बिछाने के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर कार्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) द्वारा पांच गांवों (असवाटी, ततारपुर, जटौला, मैदापुर और पृथला) की अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजे और आरआरपी की राशि न मिलने पर मंगलवार को किसानों ने पृथला स्थित डीएफसीसीआइएल के कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने चेतावनी दी कि अगर आगामी 26 नवंबर तक भूमि का मुआवजा और आरआरपी राशि नहीं मिली तो वे डीएफसीसीआइएल के नोएडा कार्यालय में जाकर आत्महत्या कर लेंगे।

किसान रंपत जटोला, वेद प्रकाश, दया तंवर, गिरिराज ताऊ, पितांबर, ओमप्रकाश ने बताया कि रेवाड़ी से चरखी दादरी तक ट्रैक बिछाने के लिए डीएफसीसीआइएल ने हमारी भूमि अधिग्रहण की है। इसके लिए एसडीएम पलवल ने 12 नवंबर, 2020 को मुआवजा घोषित कर दिया था, लेकिन डीएफसीसीआइएल के दो अधिकारी योगेंद्र शर्मा व मधूप उपाध्याय किसानों को मुआवजे राशि देने से रोक रहे हैं। इससे सारे किसान बहुत दुखी हैं। किसानों ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ गदपुरी थाने में लिखित शिकायत भी दी है। किसानों का कहना है कि एसडीएम ने जो जमीन का मुआवजा तय किया है,उसका दोनों अधिकारी विरोध कर रहे हैं। जबकि एसडीएम का कहना है कि सबकुछ कानून के दायरे में रहकर किया गया है। हम सरकार से लड़ तो नहीं सकते अपनी जान तो दे सकते हैं ताकि हमारी भूमि बच्चों के लिए सुरक्षित रहे। हम किसाने बहुत दुखी हैं। एसडीएम साहब ने हमें बुलाया है। हम उनके सामने अपनी वेदना रखेंगे।

- दया तंवर, गांव पृथला। इस मामले को लेकर यदि किसी भी किसान को कुछ होता है तो उसके जिम्मेदार दोनों अधिकारी होंगे। दोनों अधिकारी किसानों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।

- गिरिराज सिंह, गांव असावटी एसडीएम ने 12 नवंबर, 2020 को मुआवजे की घोषणा की थी। इसके बाद हमारे अधिकारी तीन दिन लगातार मुआवजे का चेक लेकर किसानों के पास गए, लेकिन सभी ने राशि लेने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि मुआवजे से पहले उन्हें आरआरपी की राशि का भुगतान किया जाए। जबकि नियम के मुताबिक जमीन अधिग्रहित करने के बाद पहले मुआवजे का भुगतान किया जाता है। दूसरी बात यह है कि अभी आरआरपी राशि अप्रूव नहीं हुई है। उसमें थोड़ा वक्त लगेगा। इसके बाद भी यदि किसानों को कोई समस्या है तो वे हमारे उच्च अधिकारियों के साथ 26 नवंबर को बैठक कर लें।

- योगेंद्र शर्मा, डिप्टी सीपीएम, डीएफसीसीआइएल।

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