बाढ़ की आशंका के चलते खाली कराए तीन गांव

हथिनी कुंड बैराज से शनिवार को छोड़े गए

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Aug 2019 07:45 PM (IST) Updated:Fri, 23 Aug 2019 06:37 AM (IST)
बाढ़ की आशंका के चलते खाली कराए तीन गांव
बाढ़ की आशंका के चलते खाली कराए तीन गांव

जागरण संवाददाता, पलवल

हथनीकुंड बैराज से शनिवार को छोड़े गए 8.72 लाख क्यूसिक पानी छोड़े जाने के दो दिन बाद यमुना नदी में जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। हालांकि स्थिति अभी कंट्रोल में है, लेकिन बाढ़ की आशंका के चलते एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने पलवल खंड के गांवों इंद्रानगर व मोहबलीपुर तथा हसनपुर खंड के गांव चंडीगढ़ का नंगला को खाली करा दिया है। एसडीएम जितेंद्र कुमार की देखरेख में चलाए जा रहे आपदा प्रबंधन दस्ते ने दोनों गांवों के निवासियों के सामान व पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया।

सोमवार देर शाम से ही जिला प्रशासन ने पलवल खंड के गांवों में अभियान शुरू कर दिया था। पलवल के एसडीएम जितेंद्र कुमार जहां अधिकारियों के साथ यमुना किनारे स्थिति का जायजा लेते रहे, वहीं ट्रैक्टर पर सवार होकर उन्होंने गांवों की गलियों में भी लोगों को प्रशासन द्वारा किए जा रहे समूचे बंदोबस्त की जानकारी दी तथा उन्हें यमुना के पास न जाने की ताकीद की।

मंगलवार को इंद्रानगर के ग्रामीणों को अच्छेजा तथा मोहबलीपुर के ग्रामीणों को मुस्तफाबाद में बनाए गए राहत शिविरों में भेजना शुरू कर दिया गया। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी देखरेख में ग्रामीणों के सामान व मवेशियों को राहत शिविरों में भिजवाया।

वहीं हसनपुर में यमुना नदी के किनारे बसे गांव चड़ीगढ़ का नंगला के लोगों को हसनपुर में भेजना शुरू कर दिया गया। मंगलवार को चलाए गए आपदा प्रबंधन अभियान में होडल के डीएसपी विवेक चौधरी, हसनपुर के थाना प्रभारी उमर मोहम्मद, नायब तहसीदार मोहम्मद इब्राहिम, धारा सिंह पटवारी, ताराचंद पटवारी व अशोक कुमार ने लोगों के सामान को सुरक्षित निकलवाना शुरू कर दिया। यमुना का जलस्तर अभी इतना नहीं बढ़ा है कि बाढ़ की स्थिति बने। लेकिन फिर भी प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सभी बंदोबस्त किए हैं। राहत शिविरों में खाद्य सामग्री तथा दवाईयों की भी व्यवस्था की जा रही है। आपातकालीन स्थिति में निपटने के लिए सेना से भी संपर्क किया जा रहा है।

- यशपाल, जिला उपायुक्त, पलवल

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