भावांतर भरपाई योजना से किसानों की हुई चांदी
प्रदेश सरकार द्वारा इस बार बाजरे की सरकारी खरीद सीधे तौर पर तो नहीं की गई लेकिन भावांतर भरपाई योजना का लाभ देकर उनकी फसलों का उन्हें पूरा दाम दिया जा रहा है।
संवाद सहयोगी, तावडू : प्रदेश सरकार द्वारा इस बार बाजरे की सरकारी खरीद सीधे तौर पर तो नहीं की गई लेकिन भावांतर भरपाई योजना का लाभ देकर उनकी फसलों का उन्हें पूरा दाम दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार की इस नई नीति से किसान खुश नजर आ रहे हैं।
विदित हो कि अबकी बार प्रदेश सरकार ने किसानों को खुली मंडी में अपनी फसल भेजने की छूट दी हुई है। इसके साथ ही 25 फीसदी बाजरा सरकारी एजेंसियों द्वारा भी खरीदा जा रहा है। खुली मंडी में किसानों को मिलने वाले भाव के अलावा छह सौ रुपये प्रति क्विंटल भावांतर भरपाई योजना के तहत उनके खाते में डाले जा रहे हैं। गांव बाघनकी निवासी कालूराम ने बताया कि उन्होंने दो एकड़ बाजरे का मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण कराया था उसके बाद राजस्व विभाग द्वारा उनकी फसल की क्राप मैपिग की गई। उन्होंने अपना बाजरा मंडी में 16 सौ रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेचा। उसके बाद उनके खाते में 12 हजार रुपये आ गए हैं। वहीं किसान शाहरुख निवासी कलियाका के खाते में भी 1800 रुपये भावांतर भरपाई योजना के तहत तीन क्विंटल बाजरे की बिक्री के आ गए हैं। किसान रामवीर हसनपुर, अरशद सीलखो और नूरदीन डिढारा ने कहा कि सरकार की यह नीति उन्हें खूब भा रही है। इस नीति के तहत फसल बिक्री नहीं करने के बावजूद उन्हें भावांतर भरपाई योजना का लाभ मिल रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा भावांतर भरपाई योजना का लाभ किसानों को मिलने लगा है। इसके लिए किसानों द्वारा मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण व क्राप मैपिग आवश्यक है। सबसे अच्छी बात है कि जो किसान अपने उत्पाद को घर पर ही रख रहे हैं उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल रहा है।
मोहन जोयल, सचिव मार्केट कमेटी, तावडू