आपदा प्रबंध के लिए आयोजित होगी माक ड्रिल : एडीसी

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन को लेकर आगजनी जैसी आपदा से निपटने के लिए हम कितने जागरूक हैं और इसके लिए क्या-क्या तैयारी हैं इस विषय को लेकर बृहस्पतिवार को जिला सचिवालय के सभागार में अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) सुभिता ढाका की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 07:39 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 07:39 PM (IST)
आपदा प्रबंध के लिए आयोजित होगी माक ड्रिल : एडीसी
आपदा प्रबंध के लिए आयोजित होगी माक ड्रिल : एडीसी

जागरण संवाददाता, नूंह : राजस्व एवं आपदा प्रबंधन को लेकर, आगजनी जैसी आपदा से निपटने के लिए हम कितने जागरूक हैं और इसके लिए क्या-क्या तैयारी हैं, इस विषय को लेकर बृहस्पतिवार को जिला सचिवालय के सभागार में अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) सुभिता ढाका की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सभी आवश्यक प्रबंध पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि जिला सचिवालय में माकड्रिल की जाएंगी। इससे आम लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। भूकंप जैसी आकस्मिक घटना से निपटने बारे जागरूकता लाने के लिए जिला मुख्यालय पर माक ड्रिल होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी समय रहते अपने-अपने संसाधन तथा उपकरणों के बारे में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के कार्यालय में सूचना उपलब्ध करवाएं और यह सुनिश्चित करें कि यह उपकरण प्रयोग करने लायक है या नहीं। उन्होंने बताया कि देश को प्रतिवर्ष कई प्राकृतिक और मानवीय आपदाओं का सामना करना पड़ता है। इसमें जहां सैकड़ों इंसान और जानवरों की मौत होती है, वहीं धन-संपत्ति का भी नुकसान होता है। इसका शिकार बने लोगों की मदद करने, उन्हें उबारने और उनके जीवन को फिर से पटरी पर लाने में आपदा प्रबंधन से जुड़े लोगों का बड़ा हाथ होता है। यही कारण है कि आज सरकार, एनजीओ व अनेक निजी संस्थान आपदा प्रबंधन को प्राथमिकता दे रहे हैं।

एसडीएम नूंह सलोनी शर्मा ने माक ड्रिल के अभ्यास के लिए स्थान का निरीक्षण किया तथा संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में नगराधीश जयप्रकाश, डीएसपी सुधीर तनेजा, जिला राजस्व अधिकारी सुरेश कुमार, सिविल सर्जन डा. सुरेन्द्र यादव आदि मौजूद रहे।

आपदा प्रबंधक का क्या होता है कार्य

आपदा प्रबंधक से जुड़े लोगों का मुख्य कार्य आपदा के समय इसके शिकार लोगों की जान बचाना और उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचाना होता है। साथ ही उन्हें फिर से मुख्य धारा से जोड़ना होता है। इस काम के लिए केंद्र और राज्य की सरकार फंड मुहैया करवाती है। इसके अलावा विभिन्न विभाग के मंत्रालय भी आपदा के लिए मदद करती है।

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