पुलिस स्मृति दिवस पर शहीदों को नमन किया

बृहस्पतिवार को पुलिस लाइन प्रांगण में पुलिस स्मृति और झंडा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर देश के लिए शहीद हुए पुलिस और अर्ध सैनिक बल के जवानों को जिला पुलिस नूंह की तरफ से श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 06:13 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 06:13 PM (IST)
पुलिस स्मृति दिवस पर शहीदों को नमन किया
पुलिस स्मृति दिवस पर शहीदों को नमन किया

जागरण संवाददाता, नूंह : बृहस्पतिवार को पुलिस लाइन प्रांगण में पुलिस स्मृति और झंडा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर देश के लिए शहीद हुए पुलिस और अर्ध सैनिक बल के जवानों को जिला पुलिस नूंह की तरफ से श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा एक दूसरे की शर्ट पर पुलिस ध्वज लगाकर पुलिस झंडा दिवस मनाया गया।

पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनियां ने देश के लिए शहीद हुए पुलिस और अ‌र्द्ध सैनिक बल के जवानों को पुष्प अर्पित कर नमन किया। पुलिस अधीक्षक ने कहा की देश की रक्षा कर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद हमारे देश की अमूल्य धरोहर हैं। शहीदों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन मे प्रण करना चाहिए कि हम अपने सामने आने वाली किसी भी चुनौती का दृढ़ता से सामना करेंगे। चाहे इसके लिए प्राणों की भी आहुति क्यों न देनी पड़े।

उन्होंने कहा कि देश की सीमा की रक्षा में लगे सैन्य बलों के बलिदान की कई कहानियां सुनी होंगी लेकिन हमारे पुलिसकर्मियों के शौर्य और बलिदान का इतिहास किसी से कम नहीं है। कुछ ऐसा ही साल 1959 में हुआ था। जब पुलिसकर्मी पीठ दिखाने की बजाए चीनी सैनिकों की गोलियां सीने पर खाकर शहीद हुए थे। उसकी याद में हर साल पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। ये बात 21 अक्टूबर साल 1959 की है जब 10 पुलिसकर्मियों ने अपना बलिदान दिया था। तब तिब्बत के साथ भारत की 2,500 मील की सीमा की निगरानी की जिम्मेदारी भारत के पुलिसकर्मियों की थी। उस हमले में देश 10 वीर शहीद हो गए जबकि सात अन्य बुरी तरह घायल हो गए थे। यही नहीं, इन सातों घायल पुलिसकर्मियों को चीनी सैनिक बंदी बनाकर ले गए जबकि बाकी अन्य पुलिसकर्मी वहां से निकलने में कामयाब रहे। 13 नवंबर, 1959 को शहीद हुए दस पुलिसकर्मियों का शव चीनी सैनिकों ने लौटा दिया। उन पुलिसकर्मियों का अंतिम संस्कार हाट स्प्रिंग्स में पूरे पुलिस सम्मान के साथ हुआ।

ऐसे हुई स्मृति दिवस मनाने की शुरुआत :

जनवरी 1960 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों का वार्षिक सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में लद्दाख में शहीद हुए उन वीर पुलिसकर्मियों और साल के दौरान ड्यूटी पर जान गंवाने वाले अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने का फैसला लिया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि देश के लिए शहीद हुए परिवारों के कल्याण के बारे में भी पूरा ध्यान देना चाहिए ताकि उन्हें समाज में पूरा मान सम्मान मिले। उप-पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सुधीर तनेजा सहित सभी थाना और चौकी प्रभारियों के साथ ही अन्य पुलिस कर्मचारियों ने पुष्प चढ़ाकर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

chat bot
आपका साथी