ड्रापआउट बच्चों को मुख्य धारा में लाएं : एडीसी
जागरण संवाददाता नूंह अतिरिक्त उपायुक्त एवं समग्र शिक्षा की चेयरपर्सन सुभीता ढाका ने कहा कि
जागरण संवाददाता, नूंह : अतिरिक्त उपायुक्त एवं समग्र शिक्षा की चेयरपर्सन सुभीता ढाका ने कहा कि शिक्षा जीवन की तैयारी नहीं है, बल्कि स्वयं जीवन है तथा शिक्षा प्राप्त करना प्रत्येक बच्चे का अधिकार है। शिक्षा से जीवन में परिवर्तन किया जा सकता है। उचित शिक्षा प्राप्त करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और भविष्य के बारे में उचित निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है।
चेयरपर्सन ने बताया कि वे स्वयं एक ग्रामीण अंचल से पढ़ी है और यह शिक्षा ही है जिन्होंने उनके जीवन को बदला है। उन्होंने विद्यार्थियों के माता-पिता का आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल में भेजेंगे और अपने छोटे-छोटे स्वार्थो के कारण विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा से वंचित नहीं रखेंगे। अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी अभिभावकों को आश्वस्त किया कि वे इन विद्यार्थियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे और यह प्रयास किया जायेगा कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि यह हमारी पहली सीढ़ी है इसके बाद हमारा मुख्य कार्य है कि इन विद्यार्थियों को मुख्यधारा में लेकर आए और इनको इनकी आयु के हिसाब से उचित कक्षा में प्रवेश दिया जाए तभी हमारा उद्देश्य सफल होगा। उन्होंने बताया कि कोई भी बच्चा ड्रॉपआउट न रहे, इस सर्वे को जारी रखा जाए और सभी विद्यार्थियों को इन केंद्रों में लाया जाए। मुख्य अध्यापकों ने नूंह जिले में 11 हजार 278 बच्चों के दाखिले कराकर सरकारी स्कूलों में बढ़ोत्तरी कर सराहनीय कार्य किया है। जो बच्चे किसी कारणवश स्कूल छोड़कर गए थे अब वो वापिस स्कूल में आ गए हैं। ये बच्चे पढ़कर अपनी जिदगी संवार सकेंगे।