मृतक पति के नाम पर मनरेगा मजदूरी लेने वाली महिला से वसूली
उपमंडल फिरोजपुर झिरका के गांव जाटका सिसवाना की पंचायत के तहत हुए विकास कार्यों तथा मनरेगा की मजदूरी में आए दिन गबन होने की शिकायतें सामने आ रही हैं। गांव के संदीप कुमार नाम के एक शिकायतकर्ता की शिकायत में एक ऐसा ही खुलासा हुआ है।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर झिरका : उपमंडल फिरोजपुर झिरका के गांव जाटका सिसवाना की पंचायत के तहत हुए विकास कार्यों तथा मनरेगा की मजदूरी में आए दिन गबन होने की शिकायतें सामने आ रही हैं। गांव के संदीप कुमार नाम के एक शिकायतकर्ता की शिकायत में एक ऐसा ही खुलासा हुआ है। पंचायत विभाग ने इस संदर्भ में कार्रवाई करते हुए एक महिला से 40 हजार रुपये की राशि वसूली की है।
दरअसल महिला पिछले दो सालों से अपने मृतक पति के नाम से मनरेगा के तहत पंजीकृत श्रमिक की मजदूरी वसूल रही थी। महिला ने रिकवरी की राशि पंचायत के खाते में जमा करा दी है। हालाकि उक्त पंचायत में गबन व विकास कार्यों में अनियमितताओं को लेकर अभी भी काफी शिकायतें लंबित पड़ी हुई हैं, लेकिन उनका जवाब अभी तक पंचायत विभाग ने नहीं दिया है।
गांव के शिकायतकर्ता संदीप कुमार ने सीएम विडो में शिकायत देकर आरोप लगाया था कि गांव के दीन मोहम्मद की मृत्यु 2019 में हो गई थी। लेकिन मृतक की पत्नी पिछले दो साल से अपने पति के नाम पर मनरेगा से मजदूरी वसूल रही थी। जिसपर पंचायत विभाग ने कार्रवाई कर दी है। हालांकि इससे पहले भी सहाबूदीन नाम के एक व्यक्ति ने गांव में विकास कार्यों में धांधलेबाजी, गबन आदि की शिकायतें दी हुई हैं। लेकिन उनपर अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि पंचायत विभाग में बैठे अधिकारी जानबूझकर शिकायतों को अनदेखा कर रहे हैं। संदीप ने मात्र दो माह पहले शिकायत लगाई थी जिसका जवाब विभाग ने दे दिया है, लेकिन कई माह से पंचायत विभाग में बैठे अधिकारी जवाब नहीं दे रहे हैं।
इस बारे में सीएम विडो के एमिनेंट पर्सन अनिल बंसल ने बताया कि जाटका सिसवाना पंचायत की शिकायतें को निवारण हेतु संबंधित कर्मचारियों को बुलाया गया और उनसे पूछा गया है कि क्या उन्होंने सीएम विडो पर आई सभी शिकायतों का पारदर्शी और उचित तरीके से समाधान किया है। उन्होंने कहा वे बिना शिकायतकर्ता की सहमति से सीएम विडो की शिकायतों का निपटान नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार के आदेशानुसार सीएम विडो पर आई शिकायतों का समाधान पारदर्शिता के साथ होना चाहिए। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों की शिकायत सीएम व डिप्टी सीएम के समक्ष की जाएगी।