बच्चों ने गुल्लक फोड़कर रामलला के मंदिर को किया निधि समर्पण
अभियान में न केवल परिवार के मुखिया बल्कि बच्चे भी बढ़-चढ़कर निधि समर्पित कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, नूंह: जैसे-जैसे रामलला के मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि अभियान आगे बढ़ रहा है। उसमें सहयोग करने वालों का उत्साह व समर्पण भी लगातार बढ़ता जा रहा है। अभियान में न केवल परिवार के मुखिया बल्कि बच्चे भी बढ़-चढ़कर निधि समर्पित कर रहे हैं। जिले के सभी खंडों में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए जोर शोर से निधि समर्पण अभियान चल रहा है।
अभियान के तहत नूंह जिले के इंडरी खंड के सभी 51 गांवों में अभियान टोलियां अपने दायित्व पूरा करने जुटी हुई हैं। खंड के गांव कालियाका में इस दौरान समर्पण के लिए गई टोली के सामने उस समय दिलचस्प वाकया सामने आया जब एक परिवार के बच्चों ने अपने बचत राशि के रूप में एक गुल्लक बनाई हुई थी। जैसे ही निधि अभियान की टोली उनके घर पर पहुंची तो अंकित, नताशा व वंश ने घर से अपनी गुल्लक निकाली और उसे फोड़ दिया। उसमें कुल 10,294 रुपये निकले। बच्चों ने उस राशि को रामलला मंदिर निर्माण के लिए टोली को समर्पित कर दिया।
टोली के सदस्य दीपा सरपंच, भीम कौशिक, नरेश कादयान, सहीराम, अर्जुन, विजय, जलसिंह, बबलू, मनोज पंवार, सुमित, दलीप आदि ने बताया कि हनुमान टोली कालियाका ने गांव के प्रत्येक घर से संपर्क किया और इस दौरान लोगों में निधि समर्पण के लिए जोरदार उत्साह देखने को मिला। गांव के महेंद्र मास्टर ने 11 हजार रुपये तथा पूरे परिवार के सदस्यों की तरफ से भी अलग-अलग निधि समर्पण किया। सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन ने अपनी गाय गौरी और लक्ष्मी के नाम से भी जन्मभूमि के लिए निधि समर्पण किया। कालियाका गांव की टोली ने बताया कि उन्होंने गांव के 210 परिवारों से संपर्क कर 83,894 रुपये की समर्पण निधि एकत्रित की।
इंडरी खंड के पालक एडवोकेट अमित कुमार व लोकेश कुमार आटा, अभियान प्रमुख दिनेश कुमार, हिसाब प्रमुख मोहन कुमार आदि ने बताया कि इंडरी खंड में 51 गांव है। प्रत्येक गांव में राम सेवकों की अलग-अलग टोलियां बनाई हुई है। जो हर घर में जाकर भगवान राम के नाम का अलख जगा रही है। इस दौरान प्रत्येक जाति-बिरादरी के लोग इस कार्य के लिए बढ़ चढ़कर निधि समर्पित कर रहे है। अब तक खंड के करीब 2500 परिवारों से संपर्क किया जा चुका है। रोजका मेव स्थित शैलेंद्रा उद्योग के मालिक शैलेंद्र ने 51 हजार रुपये की राशि देते हुए कहा कि जैसे ही राम मंदिर पर न्यायालय का फैसला आया था, तो उन्होंने उसी वक्त तय कर लिया था कि वे इसके लिए अपनी तरफ से निधि समर्पित करेंगे। उन्हें पता चला कि निधि समर्पण के लिए टोलियां गांव-गांव और घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर रही है तो उन्होंने स्वयं टोली के सदस्यों से संपर्क किया और उन्हें अपनी तरफ से भगवान राम के श्री चरणों में छोटी सी निधि समर्पित की।