छह केंद्रों पर हुआ कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन

कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर होने वाले टीकाकरण अभियान का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) जिले के छह केंद्रों पर किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Jan 2021 05:15 PM (IST) Updated:Thu, 07 Jan 2021 08:04 PM (IST)
छह केंद्रों पर हुआ कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन
छह केंद्रों पर हुआ कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन

जागरण संवाददाता, नूंह: कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर होने वाले टीकाकरण अभियान का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) जिले के छह केंद्रों पर किया गया। उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) फिरोजपुर-झिरका व शिकरावा पहुंचकर इसका जायजा लिया। उन्होंने यहां पर टीकाकरण की तैयारियों को परखा और जरूरी निर्देश दिए।

उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सरकार के निर्देश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारियों का पूरा डाटा तैयार करें ताकि जब भी वैक्सीन विभाग के पास आए तो उन्हें लगाई जा सके। उन्होंने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार ही वैक्सीन के लिए छह जगहों का चयन किया गया है। सभी जगहों पर समुचित स्टाफ नियुक्त किया गया है और प्रत्येक केंद्र पर स्वास्थ्य अधिकारी और एंबुलेंस की व्यवस्था हैं।

इस मौके पर सिविल सर्जन डा. सुरेन्द्र यादव, डा. बंसत दुबे सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों ने उपायुक्त को बताया कि स्वास्थ्य विभाग के पास प्रथम चरण में शामिल कर्मचारियों का डाटा पहुंच चुका है।

ड्राई रन के दौरान उपायुक्त ने पीएचसी शिकरावा और फिरोजपुर झिरका में स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई व्यवस्थाओं को बारीकी से देखा और प्रत्येक कमरे में नियुक्त किए गए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से उनकी ड्यूटी के बारे में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि वैक्सीन दिए जाने के दौरान किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवाने वाले को मानसिक तौर पर तैयार किया जाए।

सिविल सर्जन डा. सुरेन्द्र यादव ने बताया कि ड्राई रन के दौरान सबसे पहले व्यक्ति वैक्सीनेशन अधिकारी-1 के पास जाता है, वहां पर उसका सूची में नाम और आईडी जांची जाती हैं। उसके बाद उसे वैक्सीनेशन अधिकारी-2 के पास भेजा जाता है, जहां पर उसका नाम विभाग की कोविड एप में चेक किया जाता है और उसके नाम का मिलान किया जाता है। मिलान होने के बाद उसे वैक्सीनेशन अधिकारी-3 के पास भेजा जाता है, यहां पर उसको वैक्सीन दी जाती है।

वैक्सीन लगाने के बाद यहां पर बनाए गए निगरानी कक्ष (ऑब्जर्वेशन रूम) में वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति को आधा घंटा बैठाया जाता है, ताकि वैक्सीन के किसी प्रकार के साइड इफेक्ट (दु:ष्प्रभाव) का पता चल सके। यदि कोई साइड इफेक्ट आता है तो यहां पर एएफआइ कक्ष की व्यवस्था की गई है। यहां पर उसका उपचार किया जाता है और यदि उसके बाद भी किसी प्रकार की परेशानी महसूस होती है तो उसे एंबुलेंस के माध्यम से सामान्य अस्पताल पहुंचाया जाएगा।

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