पराली नहीं जलाना है और पर्यावरण बचाना है

पराली नहीं जलाना है और पर्यावरण बचना है.. मुंह पर मास्क लगाना है और कोरोना को हराना है.. आदि भजन गाकर तावडू़ खंड के गांव सुबासेड़ी में मंडली के कलाकार लोगों को जागरूक करने में जुटे नजर आए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 02:18 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 02:18 PM (IST)
पराली नहीं जलाना है और पर्यावरण बचाना है
पराली नहीं जलाना है और पर्यावरण बचाना है

जागरण संवाददाता, नूंह: पराली नहीं जलाना है और पर्यावरण बचना है.. मुंह पर मास्क लगाना है और कोरोना को हराना है.. आदि भजन गाकर तावडू़ खंड के गांव सुबासेड़ी में मंडली के कलाकार लोगों को जागरूक करने में जुटे नजर आए।

उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा के निर्देशानुसार जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा विभिन्न गांवों में प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को नशा मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने की अपील की जा रही है। इसके साथ-साथ पर्यावरण को बचाने के लिए पराली नहीं जलाने और त्योहारी सीजन में भीड़-भाड़ में जाते समय कोविड-19 संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन करने का संदेश भी दिया जा रहा है। इसी कड़ी में भजन पार्टी द्वारा तावडू़ खंड के गांव सुबासेड़ी में प्रचार अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भजन पार्टी के करतार सिंह व सुरेश कुमार द्वारा गीतों व भजनों के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक किया गया। कलाकारों द्वारा आमजन को बताया जा रहा है कि बचाव के उपाय अपना कर ही कोरोना से बचाव संभव है। इसलिए घर से निकलते समय मास्क जरूर लगाएं और शारीरिक दूरी का गंभीरता से पालना करें। कलाकारों ने लोगों से पराली न जलाने की अपील करते हुए कहा कि यह वायु प्रदूषण का यह एक बड़ा कारण है। पराली में आग लगाने से वायु प्रदूषण से सांस, फेफड़ों से संबंधित बीमारियां तो होती ही हैं, सामान्य स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

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