21 से खुलेंगे स्कूल, मास्क और शारीरिक दूरी अनिवार्य: उपायुक्त

उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने शुक्रवार को बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार 21 सितंबर से विद्यार्थी अभिभावकों की सहमति लेकर पढ़ाई से संबंधित परामर्श लेने के लिए स्कूल जा सकेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Sep 2020 06:17 PM (IST) Updated:Fri, 18 Sep 2020 06:20 PM (IST)
21 से खुलेंगे स्कूल, मास्क और शारीरिक दूरी अनिवार्य: उपायुक्त
21 से खुलेंगे स्कूल, मास्क और शारीरिक दूरी अनिवार्य: उपायुक्त

जागरण संवाददाता, नूंह: उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने शुक्रवार को बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार 21 सितंबर से विद्यार्थी अभिभावकों की सहमति लेकर पढ़ाई से संबंधित परामर्श लेने के लिए स्कूल जा सकेंगे। स्कूल प्रमुखों, संचालकों, शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए सरकार द्वारा जारी प्रत्येक नियम का पालन करना अनिवार्य है, अन्यथा संबंधित विद्यालय के खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि 21 सितंबर से विद्यार्थी स्कूलों में आएंगे, उन्हें शिक्षक पढ़ाई संबंधित आवश्यक सलाह दे सकते है। विद्यालयों में सभी अध्यापक, स्टाफ व विद्यार्थी मास्क का प्रयोग अवश्य करें और शारीरिक दूरी का भी विशेष ध्यान रखें। स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए। विद्यार्थी अपने घरों से पानी की बोतल लेकर आएं, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सके। शौचालयों की साफ- सफाई रखें। स्कूल परिसर में थूकने पर पूर्ण रूप से पाबंदी रहेगी। विद्यालयों के शिक्षकों व अन्य स्टाफ को अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप भी डाउनलोड करना अनिवार्य है।

उन्होंने स्कूल प्रमुखों एंव संचालकों को निर्देश दिए कि वे कुर्सी, मेज व अन्य सभी चीजों को सैनिटाइज करवाएं, जिनको विद्यार्थियों द्वारा छूने की संभावना है। बसों को भी सैनिटाइज करवाएं। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी सुबह 8 बजे से दोपहर बाद 2.30 बजे तक स्कूलों में आकर अध्यापकों से पढ़ाई संबंधित सलाह ले सकेंगे।

उपायुक्त ने बताया कि अध्यापकों का कोविड- 19 जांच करने के लिए एक कोरोना वायरस जांच टीम स्कूलों में भेजी जाए। स्कूल संचालक दो- तीन उन अध्यापकों को एक स्कूल में बुलाएं, जो बच्चों के संपर्क में आने वाले है और उनकी कोरोना जांच करवाना सुनिश्चित करें।

जिला शिक्षा अधिकारी अनूप सिंह जाखड़ ने निजी स्कूल संचालकों तथा सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यो को निर्देश दिए कि विद्यार्थियों को जबरदस्ती स्कूलों में आने के लिए न कहें। जो विद्यार्थी स्कूल में आना चाहता है, सिर्फ वही आए और इसके लिए भी उसके अभिभावक की सहमति अति आवश्यक है। हर रोज कम से कम 20 अभिभावकों से अवश्य संपर्क किया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या तो नहीं है।

उन्होंने कहा कि अगर कोई अच्छा सुझाव भी मिलता है तो उसे भी लागू करने के लिए विभाग द्वारा विचार- विमर्श किया जाएगा। उन्होंने निजी स्कूल संचालकों तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सलाह देते हुए कहा कि वे अध्यापकों व बच्चों को दोबारा प्रयोग में लाए जाने वाले मास्क का उपयोग करने की सलाह दें। मास्क को धोने के बाद इस पर प्रेस करें। ऐसा करने से कोरोना वायरस का संक्रमण कम होता है।

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