साहब, बस अड्डा नहीं तो बस क्यू शेल्टर ही बनवा दो

सरकार जहां एक तरफ प्रदेश में विकास के दावे कर रही है वही नूंह जिले के कस्बा पिनगवां में बस अड्डे की मांग आज भी अधूरी है। बस अड्डा तो बहुत दूर की बात यात्रियों और स्कूल के बच्चों को खड़े होने के लिए बस क्यू शेल्टर तक भी नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 07:18 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:38 PM (IST)
साहब, बस अड्डा नहीं तो बस क्यू शेल्टर ही बनवा दो
साहब, बस अड्डा नहीं तो बस क्यू शेल्टर ही बनवा दो

संवाद सहयोगी, पिनगवां : सरकार जहां एक तरफ प्रदेश में विकास के दावे कर रही है वही नूंह जिले के कस्बा पिनगवां में बस अड्डे की मांग आज भी अधूरी है। बस अड्डा तो बहुत दूर की बात यात्रियों और स्कूल के बच्चों को खड़े होने के लिए बस क्यू शेल्टर तक भी नहीं है। लोग खुले में खड़े होकर ही बसों का इंतजार करते हैं।

पिनगवां को ब्लाक का दर्जा तो दे दिया लेकिन ब्लाक जैसी सुविधाएं नहीं है। अगर पिनगवां में बस अड्डा हो तो कही हद तक जाम की समस्या का भी हल हो सकता है लेकिन आज तक किसी सरकार बस अड्डा बनाने की सुध ही नहीं ली है । कस्बे की सबसे बड़ी समस्या बस अड्डा न होना है। किसी भी सरकार ने अभी तक यहां पर सुध नहीं ली है। भाजपा सरकार से मांग करते है कि कस्बे में बस अड्डा बनवाया जाए।

दीपक आर्य जो सरकार होती है, वह विकास के दावे करती है। पिछली सरकार ने भी पुन्हाना, नूंह, फिरोजपुर झिरका में बस अड्डे बनवाए थे लेकिन पिनगवां के साथ धोखा किया। विकास के नाम पर पिनगवां में कोई कार्य नहीं हुआ है।

सूरज खट्टर

बस अड्डा न होना सबसे बड़ी समस्या है। बीच सड़क पर खड़े होकर बस चालक सवारियां बैठाते हैं, जिससे जाम की समस्या बन जाती है। समय की मांग को देखते हुए यहां बस अड्डा होना जरूरी है।

फूल चन्द सिगला, पूर्व प्रधान

पिनगवां कस्बे को मेवात का दिल कहा जाता है लेकिन बस अड्डा न होने की वजह से यहां व्यवस्था चरमराई हुई है। सरकार को जल्द से जल्द बस अड्डा बनवाना चाहिए ताकि लोगों को परेशानी न हो।

चंद्र पंडित

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