बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता की चिता को दी मुखाग्नि

आज के युग में बेटिया किसी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। हर क्षेत्र में बेटिया बेटों से आगे निकलकर पुराने जमाने के भ्रम को तोड़ने में लगी हुई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 07:44 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 07:44 PM (IST)
बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज,  पिता की चिता को दी मुखाग्नि
बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता की चिता को दी मुखाग्नि

योगेश सैनी, नूंह

आज के युग में बेटिया किसी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। हर क्षेत्र में बेटिया बेटों से आगे निकलकर पुराने जमाने के भ्रम को तोड़ने में लगी हुई हैं। पुराने समय में जिस व्यक्ति का पुत्र नहीं होता था तो उसके अंतिम संस्कार के समय चिता को अग्नि देने का बड़ा सवाल खड़ा हो जाता था, लेकिन अब यह सवाल भी खत्म हो गया है। बेटा ना होने पर बेटिया ही अब यह फर्ज भी निभा रही हैं। ऐसे ही एक सवाल नूंह शहर में एक पिता की मौत के बाद खड़ा हुआ, लेकिन बेटी ने आगे आते हुए अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया। बेटी के द्वारा किए गए इस मुख्य कार्य को लेकर शहर सहित जिले भर में बेटी की प्रसंशा की जा रही है।

बता दें कि शहर के वार्ड 13 निवासी यस्सी धींगड़ा कुछ समय से बीमार थे। उनकी मौत होने पर उनकी संतान के रूप में दो मासूम बच्चियां रह गईं, जिससे समाज के सामने मृतक की चिता को अग्नि देने का सवाल खड़ा हो गया। इसके बाद समाज के कुछ जागरूक लोगों ने पुत्री के द्वारा ही चिता को अग्नि देने की बात पर मुहर लगने के बाद मासूम जिया ने ही शनिवार को अपने पिता का पिंडदान कर चिता को अग्नि देकर समाज की सोच को बदल दिया।

पार्षद सुमित अदलखा, सोनू नागपाल, पार्षद कैलाश पंडित, राजू कटारिया, यश कथूरिया, शेरू, रवि मक्कड, बल्लू, बब्बी, पीके शर्मा व दीपक अरोड़ा ने बताया कि समाज में अब बेटा व बेटी एक समान हैं। इसलिए बेटियों को किसी भी संस्कार से दूर नहीं रखना चाहिए और आज बेटी जिया ने अपने स्वर्गवासी पिता यस्सी धींगड़ा को मुखाग्नि देकर एक सराहनीय कार्य किया है।

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