अधिकारियों की लापरवाही से दिखावा बनकर रह गई गौरव पट्ट योजना

नूंह जिले के गांवों के इतिहास की गौरव गाथा से रूबरू करने के लिए सरकार द्वारा गांवों में गौरव पट्ट लगाने की योजना बनाई थी। योजना को लेकर लोगों में खुशी थी की अब गांव के नहीं बल्कि बाहरी लोग भी गांवों के गौरवमयी इतिहास को जान पाएंगे। लेकिन अधिकारियों

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Nov 2018 04:41 PM (IST) Updated:Thu, 22 Nov 2018 04:41 PM (IST)
अधिकारियों की लापरवाही से दिखावा बनकर रह गई गौरव पट्ट योजना
अधिकारियों की लापरवाही से दिखावा बनकर रह गई गौरव पट्ट योजना

जागरण संवाददाता, पुन्हाना: जिले के गांवों के इतिहास की गौरव गाथा से रूबरू करने के लिए सरकार द्वारा गांवों में गौरव पट्ट लगाने की योजना बनाई थी। योजना को लेकर लोगों में खुशी थी की अब गांव के नहीं बल्कि बाहरी लोग भी गांवों के गौरवमयी इतिहास को जान पाएंगे, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी व लापरवाही के चलते योजना केवल दिखावा बनकर रह गई है। गांवों के सरपंच भी इसे केवल दिखावा मान रहे हैं। उनका कहना है कि अगर इस राशि को सरकार गांव के विकास कार्य के लिए देती तो जरूर गांव का विकास हो पाता।

बता दें कि गांवों के गौरवमय इतिहास व उपलब्धि के बखान को लेकर हरियाणा सरकार ने सभी गांवों में गौरव पट्ट लगाने का बड़ा फैसला लिया था। फैसले पर कार्य करते हुए पंचायत विभाग द्वारा सभी गांवों में गौरव पट्ट लगाने का काम शुरू भी किया गया, लेकिन योजना के तहत विभाग द्वारा जिले के सभी गांवों में पंद्रह अगस्त से पहले-पहले ही सभी गांवों में गौरव पट्ट लगाने थे। जबकि विभागीय अधिकारियों की अनेदखी व लापरवाही के चलते आज भी काफी गांवों में गौरव पट्ट नहीं लग पाए हैं और जिन गांवों में लगे हैं वहां पर भी ठेकेदारों ने पट्ट को गांव से लगते रास्तों पर न लगाकर ऐसे स्थान पर लगाए हैं जहां पर उनको कोई देख या पढ़ नहीं सकता है। इसके साथ ही अधिकतर गांवों में ईटों का ढांचा जरूर खड़ा कर दिया, लेकिन उसमें पत्थर या फिर इतिहास नहीं दर्शाया गया है। जिन गांवों में अभी तक गौरव पट्ट नहीं लग पाए उनकी जांच कराई जाएगी। वहीं अगर कहीं पर कोई पट्ट गलत तरीके से चलाया गया है जो उसकी जांच कराते हुए अधिकारियों से लेकर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।

-पंकज कुमार, उपायुक्त नूंह।

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