बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें

रविवार दोपहर से हो रही बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खेतों में चल रही बाजरे की कटाई के वक्त बाजरे की फसल को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं सरसों बिजाई के लिए तैयार खेतों में पानी भर जाने से बिजाई में देरी हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:04 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:04 PM (IST)
बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें
बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें

संवाद सहयोगी, तावडू : रविवार दोपहर से हो रही बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खेतों में चल रही बाजरे की कटाई के वक्त बाजरे की फसल को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं सरसों बिजाई के लिए तैयार खेतों में पानी भर जाने से बिजाई में देरी हो रही है। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा मौसम को लेकर पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया था जिसमें 16 अक्टूबर से लेकर 18 अक्टूबर तक जिले के क्षेत्र में मध्यम के साथ भारी बारिश की आशंका जताई गई थी। जिसके चलते किसानों को पहले ही अलर्ट कर दिया गया था कि जिन किसानों की फसल बाहर पड़ी है वह समय रहते फसलों के लिए कोई व्यवस्था कर लें।

यहां यह भी बता दें कि क्षेत्र में डीएपी खाद की कमी के चलते सरसों की बिजाई नहीं हो पा रही थी। अब पिछले दो दिनों में जिन किसानों को डीएपी खाद मिल गया था उन्होंने इसे खेतों के अंदर डाल दिया। लेकिन ऊपर से बरसे पानी ने इस पर भी पानी फेर दिया। किसान ओमप्रकाश, धर्मवीर, राजपाल, अख्तर अली,दलबीर सिंह आदि ने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण पहले ही बाजरे की फसल में काफी नुकसान हो चुका है अब ऊपर से अचानक बरसे पानी ने सरसों के लिए तैयार किए गए खेतों में नमी बढ़ा दी है।

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- जिन किसानों ने अपने खेत के अंदर डीएपी डाल दिया है वह चितित ना हो। अपने खेत की दोबारा जुताई कर सरसों की बिजाई बेहिचक करें। डीएपी का असर मिट्टी के अंदर पूरे छह महीने तक रहता है, पैदावार में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आएगी।

- डा. अजीत सिंह, उपमंडल कृषि अधिकारी, नूंह

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