मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों को अनियंत्रित ट्राला ने कुचला मौत

क्रासर गुरुग्राम-अलवर हाईवे पर एक बार फिर हुआ सड़क हादसा संवाद सहयोगी फिरोजपुर ि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 06:24 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 06:24 PM (IST)
मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों को अनियंत्रित ट्राला ने कुचला मौत
मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों को अनियंत्रित ट्राला ने कुचला मौत

क्रासर : गुरुग्राम-अलवर हाईवे पर एक बार फिर हुआ सड़क हादसा

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर झिरका : खूनी हाइवे के नाम से मशहूर गुरुग्राम-अलवर हाइवे पर हादसों का क्रम निरंतर जारी है। शनिवार की शाम यहां के नसीरबास गांव स्थित एक तेज रफ्तार अनियंत्रित ट्राला ने मोटरसाइकिल पर सवार दो जनों को कुचल दिया। इसमें एक 57 वर्षीय व्यक्ति के साथ 36 वर्षीय महिला रबीना की मौत हो गई। दुर्घटना के समय महिला की गोदी में एक छह माह की बच्ची लाइबा भी थी, लेकिन वो बच गई। हादसे की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और गाड़ी को कब्जे में लेकर लेकर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी।

जानकारी के अनुसार भरतपुर जिला के थाना पहाड़ी के गांव खानपुर धूथपुरी निवासी इसलाम अपने भतीजे की बहू को बडकली चौक पर स्थित एक डाक्टर की दुकान से दवा दिलाकर वापस अपने गांव की तरफ लौट रहे थे। लेकिन जब वो नसीरबास गांव की सीमा में पहुंचे तो पीछे से आए एक तेज रफ्तार ट्राला ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्राला का चालक इतना बेपरवाही से गाड़ी को चला रहा था कि वे मोटरसाइकिल पर सवार दोनों जनों को काफी दूर तक घसीटते हुए ले गया। दुर्घटना को अंजाम देकर चालक गाड़ी को छोड़कर भाग गया। जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोपित चालक पर विभिन्न धाराओं में अभियोग अंकित किया गया है।

जाको राखे साइंया मार सके न कोए : नूंह से फिरोजपुर झिरका के बीच बनी सिगल रूट सड़क पर आए दिन होते सड़क हादसे लोगों को झकझोरने का काम कर रहे हैं। शनिवार को जब यह हादसा हुआ था, तब महिला के पास एक छह माह की उसकी छोटी सी बच्ची भी थी, लेकिन किस्मत देखिए की बच्ची को जरा भी चोट नहीं आई। जबकि ट्राल की चपेट में मोटरसाइकिल पर सवार दोनों जनों को ट्राला काफी दूर तक घसीटते हुए ले गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि महिला ने हादसे के दौरान अपनी बच्ची को गले से लगाए रखा और उसे छोड़ा नहीं। भीषण हादसे से बची बच्ची को लेकर एक कहावत सटीक बैठती है कि जाको राखे साइंया मार सके न कोए।

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