देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का हिस्सा 55 फीसद से घटकर 14-15 फीसद ही रहा: जयलाल यादव

राजकीय महाविद्यालय महेंद्रगढ़ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय हिसार के तत्वावधान में स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को कृषि शिक्षा दिवस मनाया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 06:59 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 06:59 PM (IST)
देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का हिस्सा 55 फीसद 
से घटकर 14-15 फीसद ही रहा: जयलाल यादव
देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का हिस्सा 55 फीसद से घटकर 14-15 फीसद ही रहा: जयलाल यादव

संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़:

राजकीय महाविद्यालय महेंद्रगढ़ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय हिसार के तत्वावधान में स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को कृषि शिक्षा दिवस मनाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य में मेजर एमआर लांबा ने की तथा उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि आज के समय की जरूरत है, कृषि को नए ढंग से अपनाने की। आज आधुनिकता के दौर में कृषि क्षेत्र कम होता जा रहा है जो एक बहुत बड़ा चिता का विषय है। अत: हमें आने वाली पीढ़ी को इस समस्या से अवगत करवाना होगा और उन्हें कृषि की नई तकनीकों के साथ स्वरोजगार पैदा करने के लिए प्रेरित करना होगा। इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. जयलाल यादव ने छात्रों को कृषि विश्वविद्यालय में शिक्षा के अवसरों, कृषि क्षेत्र में रोजगार व देश के कृषकों एवं कृषि के महत्व पर विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे कृषि शिक्षा में रोजगार के बेहतरीन अवसर ले सकते हैं, साथ में स्वरोजगार भी उत्पन्न कर दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा 55 फीसद से गिरकर 14-15 फीसद रह गया है जो एक चितनीय विषय है। हालांकि भारत अभी भी एक कृषि प्रधान देश है वह देश की अर्थव्यवस्था का एक बहुत बड़ा हिस्सा कृषि आधारित है। उन्होंने बताया कि भारत आज भुखमरी की समस्या से पूर्ण रुप से उठकर खाद्य पर्याप्तता प्राप्त कर चुका है। उन्होंने इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य, स्टाफ सदस्यों एवं विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। इसी कड़ी में कृषि विज्ञान केंद्र से पधारे डा. अशोक ढिल्लों, डा. राजपाल यादव, डा. पूनम व डा. आशीष श्योराण ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का मंच संचालन महाविद्यालय के पर्यावरण अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अश्वनी कुमार ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के उपप्राचार्य डा. लक्ष्मी नारायण, डा. बलजीत सिंह, डा. सोमवीर सिवाच, प्रो. हीरा सिंह, डा. विकास गुप्ता, करण सिंह, दुलीचन्द सहित महाविद्यालय के अन्य स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।

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