मलेरिया के चार नए मरीज आए

सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार ने बताया कि जिले में अब तक डेंगू के 1272 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जिनमें से 103 डेंगू तथा चार मलेरिया के मामलों की पुष्टि हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 05:05 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 05:05 PM (IST)
मलेरिया के चार नए मरीज आए
मलेरिया के चार नए मरीज आए

जागरण संवाददाता,नारनौल: सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार ने बताया कि जिले में अब तक डेंगू के 1272 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जिनमें से 103 डेंगू तथा चार मलेरिया के मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से 63 डेंगू केस निजी अस्पताल में व 40 मरीज सरकारी अस्पताल में डेंगू पाजिटिव पाए गए हैं।

जिले में फीवर मास सर्वे निरंतर करवाया जा रहा है और बुखार के मरीजों की ब्लड स्लाइड बनाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम को लेकर निरंतर अभियान भी चलाया जा रहा है। टीम द्वारा कूलर, ओवरहेड टैंक सहित ऐसे संदिग्ध स्थानों जहां मच्छर पनपने की संभावना है, वहां एंटी लार्वा गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिसके तहत टेमीफोस दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों को भी मच्छरजनित बीमारियों के सर्विलांस तथा केस मैनेजमेंट संबंधी रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। मच्छरों को पनपने से रोकने में गंबूजिया मछली काफी कारगर रहती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मत्स्य पालन विभाग के सहयोग से जिले में स्थित 108 जलाशयों में गंबूजिया मछली के बीज डाल दिए गए हैं, ताकि उनमें मच्छर का लार्वा पैदा न हो। जिले में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए क्षेत्रवार 29 फागिग मशीनों के माध्यम से फागिग करवाई जा रही है। शहरी क्षेत्र में फागिग नगर परिषद व नगर पालिका द्वारा करवाई जा रही है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में फागिग पंचायत विभाग द्वारा करवाई जा रही है। इसके साथ ही जिले में लोगों को मच्छरजनित बीमारियों से बचाव को लेकर विभिन्न प्रचार माध्यमों के जरिये जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला नागरिक अस्पताल नारनौल में डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया की टेस्टिंग, स्क्रीनिग व ट्रीटमेंट की सुविधा दी गई है।

सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार ने जिलावासियों से अपील है की वे सप्ताह में एक दिन अपने घर के आस-पास सफाई करें और सुनिश्चित करें कि कहीं पर भी पानी खड़ा न हो। मच्छरजनित बीमारियों की पहचान संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यदि व्यक्ति को तेज बुखार, मितली, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर लाल चकते तथा थकावट महसूस हो तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। उन्होंने बताया कि एडिज मच्छर घर के अंदर और आस-पास ठहरे साफ पानी में पनपता है। इसलिए जरूरी है कि मच्छरों को पनपने से रोकें। पानी के सभी बर्तन, टंकी आदि को पूरी तरह से ढककर रखें। सप्ताह में एक बार कूलर, फूलदान, पशु व पक्षियों के बर्तनों, हौदी को सुखाकर ही पानी भरें। अनुपयोगी बर्तन, कबाड़, टायर, नारियल के खोल आदि को नष्ट कर दें। पूरी बाजू के कपड़े पहनें एवं सोते हुए मच्छरदानी का उपयोग करें।

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