महर्षि वाल्मीकि जयंती पर हुई नुक्कड़ सभा
गांव चितलांग में विजय सिंह समाजसेवी ने महर्षि वाल्मीकि जयंती पर नुक्कड़ सभा करके लोगों को वाल्मीकि के जीवन परिचय के बारे में जानकारी दी।
संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़ : गांव चितलांग में विजय सिंह समाजसेवी ने महर्षि वाल्मीकि जयंती पर नुक्कड़ सभा करके लोगों को वाल्मीकि के जीवन परिचय के बारे में जानकारी दी। इस दौरान विजय सिंह ने ग्रामीणों को बताया कि ऋषि वाल्मीकि सबसे बड़े महर्षि हुए हैं। जब राम ने अपनी पत्नी सीता को गर्भवती अवस्था में अपने घर से निकाल दिया था तो महर्षि वाल्मीकि ने ही सीता को संरक्षण दिया। वहीं अपने आश्रम में रखा जहां लव-कुश पैदा हुए और दोनों बच्चों ने ऋषि वाल्मीकि से ही शिक्षा दीक्षा प्राप्त की। रामायण के रचयिता एकमात्र महर्षि वाल्मीकि हैं, लेकिन आजकल लोग महर्षि वाल्मीकि का रामायण लिखने में नाम लेने में संकोच मानते हैं। वहीं अब कुछ कहते है कि रामायण तुलसीदास ने बनाई है जबकि यह सरासर गलत है। तुलसीदास ने तो राम चरित्र मानस लिखा है। उन्होंने कहा कि उस जमाने में छुआछूत नहीं थी तो आज क्यों कुछ लोग छुआछूत करते हैं। जब एक वाल्मीकि ऋषि के घर पर उस मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पत्नी ने रहकर के दो बच्चों को जन्म दिया और पालन पोषण किया तो इसी बात से संदेश जाता है। कोई छोटा-कोई बड़ा नहीं होता आपस में भेदभाव नहीं करें और इंसान को इंसान समझे भाईचारा बनाएं और जीवन को आगे बढ़ाएं। इस मौके पर नागर सिंह, सागरमल, सुभाष, अनिल कुमार, राजबाला, अनिल कुमार, सतवीर सिंह उपस्थित रहें।