रिमझिम बारिश के बीच फसलों को पानी की जरूरत

जिला में रविवार को सुबह से दिनभर हल्की बूंदांबांदी होती रही।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 04:24 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 04:24 PM (IST)
रिमझिम बारिश के बीच फसलों को पानी की जरूरत
रिमझिम बारिश के बीच फसलों को पानी की जरूरत

जागरण संवाददाता, नारनौल:

जिला में रविवार को सुबह से दिनभर हल्की बूंदांबांदी होती रही। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में रुकरुककर हुई बारिश से उमस और गर्मी से राहत मिली। फसलों को भी थोड़ी बहुत खुराक मिली लेकिन किसानों का कहना है कि फसलों के लिए बारिश की और बहुत जरूरत है। अभी तो मानसून आया ही नहीं है। प्री मानसून की भी अच्छी बारिश नहीं हो पाई है। जून में 92 तथा जुलाई में अब तक करीब 30 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। कुछ किसान बाजरा बिजाई के लिए अभी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों ने भी 15 जुलाई तक बिजाई पूरी करने की सलाह दी है। बारिश नहीं होती है तो बढ़ेगी परेशानी: संस, कनीना : किसानों को बेसब्री से बारिश का इंतजार है। सावन माह में भी अच्छी बारिश नहीं हो पाई है। इस कारण किसान नलकूपों से सिचाई करने को मजबूर है। जून माह में क्षेत्र में कम बारिश हो पाई है जिसके चलते अभी तक करीब 30 प्रतिशत किसानों का बिजाई का कार्य रुका है। कनीना खंड के जिन गांवों में अच्छी बारिश हुई वहां खरीफ फसल की बिजाई पूरी कर ली है। किसान अजीत कुमार, महेंद्र कुमार, दिनेश कुमार ने बताया कि खड़ी फसल अनाज के लिए कम तथा फोडर के लिए अधिक उगाई जाती है। यही कारण है कि बेहतर बाजरे का बीज तथा खाद किसानों ने पहले से ही घरों में रखा हुआ है ताकि बारिश होते ही बिजाई की जा सके। किसानों द्वारा खेतों में उगाई गई मक्का, बाजर एवं कपास भीषण गर्मी के चलते सूखने के कगार पर पहुंच गई है। किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह व धर्मेंद्र आदि ने बताया कि क्षेत्र में कपास, पशुओं के चारे के रूप में उगाई जाने वाली बाजर, मक्का आदि उगा रखी है। किसान लगातार सिचाई करें, कितु तापमान इतना अधिक होता है कि सिचाई करने के बावजूद भी फसलें गर्मी के कारण झुलस रही हैं।

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