सील होंगे प्रदूषण फैला रहे स्टोन क्रेशर

महेंद्रगढ़ जिले के बहुचर्चित अवैध स्टोन क्रेशर घोटाले मामले में दायर एक याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने अपना फैसला दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 05:34 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 05:34 PM (IST)
सील होंगे प्रदूषण फैला रहे स्टोन क्रेशर
सील होंगे प्रदूषण फैला रहे स्टोन क्रेशर

जागरण संवाददाता, नारनौल: महेंद्रगढ़ जिले के बहुचर्चित अवैध स्टोन क्रेशर घोटाले मामले में दायर एक याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने अपना फैसला दिया है। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आदेश में कहा है कि सभी 72 स्टोन क्रेशर जो पहले के आदेश के तहत बंद किए जा चुके हैं। जिनकी एनओसी रद्द की जा चुकी है। उन क्रेशर प्लांटों को पूर्णत: सील किया जाए।

एनजीटी को दाखिल अपने जवाब में हरियाणा प्रदूषण विभाग ने कहा कि जिले में स्टोन क्रेशरों के 18 समूह (क्लस्टर) बताए गए हैं, प्रत्येक कलक्टर में लगभग आधा दर्जन से एक दर्जन स्टोन क्रेशर है। प्रदूषण के भार की वजह से महेंद्रगढ़ जिले की पर्यावरणीय वहन क्षमता निगेटिव है। इस रिपोर्ट में महेंद्रगढ़ जिले में किसी भी नई स्टोन क्रेशर को एनओसी न दी जाए। सीएमओ की रिपोर्ट में बताया कि महेंद्रगढ़ जिले में प्रतिवर्ष वायु से उत्पन्न बीमारियों में सौ प्रतिशत का इजाफा हो रहा है। इसके साथ सबसे गंभीर व महत्वपूर्ण तथ्य यह बताया गया कि वायु से उत्पन्न बीमारियों की वजह से महेंद्रगढ़ जिले में प्रतिवर्ष 40 से 42 हजार लोग मर रहे हैं। इस रिपोर्ट के आधार डीसी नारनौल ने सभी अवैध स्टोन क्रेशरों पर औसतन चार से पांच लाख रुपये जुर्माना भी कर दिया है।

एनजीटी के तीन दिसंबर 2020 के वहन क्षमता, स्वास्थ्य जांच, पर्यावरणीय पहलुओं पर दिए गए जांच के आदेश उपरांत जो जांच की गई, उसमें पर्यावरणीय वहन क्षमता अत्यधिक खराब पाई गई है। दो अलग-अलग समय में मानसून से पहले व मानसून के बाद मापी जाने वाली वायु गुणवत्ता दर रिपोर्ट की स्थिति भी अत्यधिक खराब होने के चलते एनजीटी ने एक बड़ा फैसला दिया है। जब तक महेंद्रगढ़ जिले का प्रदूषण का लोड नियंत्रण में ना जाए तब तक अवैध क्रेशरों के अलावा अन्य क्रशरों को भी बंद रखा जाएगा। छह सदस्य उच्चस्तरीय विशेषज्ञ कमेटी को तीन महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस बाबत विभिन्न पहलुओं की जांच के लिए एनजीटी ने छह सदस्य कमेटी का गठन किया है। जिसमें विश्व प्रसिद्ध संस्था आईआईटी दिल्ली का वायु प्रदूषण मामले में विशेषज्ञ सदस्य, सीपीसीबी के सदस्य, एचएसपीसीबी के सदस्य, डीएम महेंद्रगढ़, कई जिलों का वन प्रभार संभालने वाले जान के वन संरक्षक, इसके साथ ही हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक के द्वारा नामित श्वास रोग विशेषज्ञ शामिल है। जो कि पूरे क्षेत्र का दौरा कर के एक-एक बिदु पर अपनी एक निष्पक्ष रिपोर्ट सौंपने का काम करेंगे। महेंद्रगढ़ जिले के बहुचर्चित अवैध स्टोन क्रशर घोटाले मामले में इंजीनियर तेजपाल यादव की याचिका पर एनजीटी में पिछले चार साल से मुकदमा चल रहा है।

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