दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता आवश्यक: प्रो. टंकेश्वर कुमार

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 07:12 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 07:12 PM (IST)
दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता आवश्यक: प्रो. टंकेश्वर कुमार
दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता आवश्यक: प्रो. टंकेश्वर कुमार

संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़:

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार के समापन सत्र को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के उत्थान व उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जारी प्रयासों में सफलता तभी मिल सकती है जब सभी उन्हें स्वीकार करते हुए उनकी बेहतरी के लिए हरसंभव योगदान दें। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नोटियाल, मुख्य वक्ता के रूप में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के अरबिद कुमार झा व विशेषज्ञ वक्ता के रूप में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रो. सुनीता श्रीवास्तव व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के डा. प्रशांत श्रीवास्तव ने संबोधित किया।

प्रो. टंकेश्वर कुमार ने दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता अपनाने और उनके लिए उपलब्ध संसाधनों के विकास व विस्तार के लिए व्यक्तिगत प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने सरकारी प्रावधानों के सफलतम क्रियान्वयन के साथ-साथ आमजन की सोच में भी इस वर्ग के प्रति विशेष लगाव की जरूरत बताई। इसी क्रम में प्रो. अन्नपूर्णा नोटियाल ने कहा कि दिव्यांगजनों के प्रति सहानुभूति रखते हुए उन्हें डिफ्रेन्टली एबल मानकर उनके हित में प्रयास करना चाहिए। प्रो. नोटियाल ने अपने प्रयासों के अंतर्गत दिव्यांगजनों को सक्षम, शिक्षित बनाने और उनके आत्मविश्वास को मजबूत बनाने के लिए विशेष प्रयास करने पर जोर दिया। प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने कहा कि दिव्यांगजनों की बेहतरी के लिए सर्वप्रथम उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना होगा।

डा. प्रशांत श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हमारे साथी दिव्यांगजन किसी भी तरह से पिछड़ने न पाए। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ-साथ यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उनके उत्थान के लिए जिम्मेदारी के साथ प्रयास करें। डा. प्रशांत ने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा समय में विश्व का हर सातवां व्यक्ति किसी न किसी प्रकार की विकलांगता का शिकार है। ऐसे में जमीनी स्तर पर छोटे-छोटे प्रयास करने की आवश्यकता है। प्रो. अरबिद कुमार झा ने दिवयांगजनों के प्रति योजनागत ढ़ंग से प्रयास करने की बात कही और कहा कि इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए सक्षम व शिक्षित बनाना होगा। कार्यक्रम में आरंभ में आजादी का अमृत महोत्सव की नोडल ऑफिसर प्रो. सारिका शर्मा ने सभी विशेषज्ञों का स्वागत किया और इस कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रो. सारिका शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय निरंतर दिव्यांगजनों की बेहतरी के लिए विभिन्न उपाय कर रहा है। कार्यक्रम के अंत में शिक्षा पीठ के सहायक आचार्य डा. रूबल कलिता ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए सभी विशेषज्ञों व प्रतिभागियों का धन्यवाद प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, अधिकारी, शिक्षक, शिक्षणेतर कर्मचार व प्रतिभागी ऑनलाइन उपस्थित रहे।

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