डीएपी खाद के लिए किसानों के बीच हुई हाथापाई

जिले में डीएपी खाद की किल्लत की वजह से अब किसानों के बीच हाथापाई भी होनी शुरू हो गई है। ऐसा ही ²श्य नारनौल के अनाज मंडी में स्थित सरकारी खाद की दुकान पर देखने को मिला।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 05:43 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 05:43 PM (IST)
डीएपी खाद के लिए किसानों के बीच हुई हाथापाई
डीएपी खाद के लिए किसानों के बीच हुई हाथापाई

जागरण संवाददाता, नारनौल: जिले में डीएपी खाद की किल्लत की वजह से अब किसानों के बीच हाथापाई भी होनी शुरू हो गई है। ऐसा ही ²श्य नारनौल के अनाज मंडी में स्थित सरकारी खाद की दुकान पर देखने को मिला। शनिवार को सुबह से भूखे-प्यासे बैठे किसानों की खाद के लिए लगी लाइन में एक युवक के बीच में घुसने को लेकर दो गुटों के बीच हाथापाई हो गई। अनाज मंडी में मौजूद पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत किया। अनाज मंडी में शांति बनाए रखने के लिए दस से ज्यादा पुलिसकर्मी मौजूद थे।

किसानों के हल्ला और जबरदस्ती लाइन में घुसने पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। महिला किसानों के लिए महिला पुलिस की टीम भी मौजूद थी। ताकि अनाज मंडी में किसी प्रकार का विवाद न हो और शांतिपूर्वक डीएपी का वितरण हो सके। सरकारी खाद बिक्री केंद्र के कर्मचारियों की मानें तो एक हजार के करीब डीएपी के कट्टे आ चुके हैं। डीएपी को लेकर किसी प्रकार की कमी नहीं है।

बता दें कि, नारनौल के नसीबुर स्थित खरीद केंद्र के बाहर शनिवार सुबह चार बजे से ही किसानों की लंबी लाइन लग गई थी। किसान जान को जोखिम में डालकर हाइवे के किनारे खाद के लिए लाइन पर लग गए। हालांकि, खरीद केंद्र के खुलने का समय सुबह नौ से शाम पांच बजे तक का ही है। तीन दिन से नारनौल की अनाज मंडी में डीएपी के लिए आ रहा हूं। लेकिन अभी तक डीएपी का एक भी कट्टा नहीं मिलने से सरसों की बोआई शुरू नहीं कर पाया हूं। सरसों की देर से बोआई होने पर पैदावार कम होती है।

किसान राजकुमार गहली जिन किसानों ने पहले से डीएपी लाकर रख लिया था। उन्होंने सरसों की बोआई शुरू कर दी है। लेकिन पांच दिन से सरकारी खाद बिक्री केंद्र के चक्कर काट रहा हूं। अभी तक एक भी कट्टा नहीं मिल पाया है।

किसान विजय गहली 20 किलोमीटर से चल कर आने से खेती का कार्य बाधित हो रहा है। इस समय खेत में भी जुताई व अन्य कार्य करने हैं। लेकिन डीएपी के लिए सुबह दो बजे से देर शाम तक इंतजार करना पड़ रहा है।

किसान पवन बदोपुर रोजाना डीएपी के लिए चक्कर काटने से आर्थिक और मानसिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खाद के लिए दुकान पर जल्दी आने के लिए घर से भूखा ही आना पड़ता है।

किसान संजय बदोपुर

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