जैविक खेती बनी फायदे का सौदा

गेहूं और सरसों की खेती छोड़कर इसराणा का किसान अजय सिंह जैविक खेती कर रहा हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Dec 2020 06:25 PM (IST) Updated:Mon, 07 Dec 2020 06:25 PM (IST)
जैविक खेती बनी फायदे का सौदा
जैविक खेती बनी फायदे का सौदा

संवाद सहयोगी, कनीना: गेहूं और सरसों की खेती छोड़कर इसराणा का किसान अजय सिंह जैविक खेती कर रहा हैं। अकेले गोभी से एक लाख रुपये कमा चुके हैं। जैविक खेती के लिए लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं। किसान अजय सिंह इसराणा का कहना है कि एक तरफ हम धरती को बचाने के लिए पौधारोपण कर रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ हम कीटनाशकों का प्रयोग करने में लगे हुए हैं। बावजूद इसके जमीन में कीटनाशकों का प्रयोग कम होने के बजाय हर साल बढ़ता ही जा रहा है। इसी वजह से खेती योग्य भूमि भी बंजर बनती जा रही है। इस समय कस्बे की बात करें तो यहां जमीन में मौजूद आर्गेनिक कार्बन की मात्रा भी धीरे-धीरे घट रही है। यह कार्बन जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने में मुख्य होता है। जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए जैविक खेती करनी चाहिए। किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ उनको जैविक खेती करने में सहयोग भी कर रहा हूं। कस्बे के युवाओं को जागरूक करने के साथ-साथ उनकी मदद कर रहा हूं। इस वक्त आसपास के तकरीबन 50 से 60 किसानों का एक ग्रुप बना रखा है जिसमें सभी लोग जैविक सब्जियां उगाते है। इन सभी किसानो ने मार्केट में बिक रही जहर की सब्जी को हटाकर जैविक सब्जी बेचने में लगे हुए हैं।

किसानों ने खुद जैविक खेती कर रखी है। कस्बे में बने ट्रेनिग सेंटर बागवानी विभाग सुंदरह मे क्षेत्र के किसान प्रशिक्षण ले रहे हैं।जैविक सब्जियां उगाने का काम दो वर्ष पहले मैंने डेढ़ एकड़ जमीन में सब्जी उगाई टमाटर गोभी बैंगन जिसमें सारा खर्चा निकाल कर 1 लाख 70 हजार की बचत हुई । डा मनदीप यादव बागवानी विभाग से हैं उन्होंने भरपूर सहयोग दिया तथा बागवानी विभाग ने मुझे सब्सिडी के तौर पर भी प्रोत्साहन दिया है। ड्री पद्धति सरकार ने मुझे उपलब्ध करवाई एक-एक करके स्केटिग सरकार ने मुझे उपलब्ध कराई मल्चिग सीट का सहयोग भी बागवानी विभाग ने दिया। इस तरह मेरा मनोबल बढ़ता गया और वर्तमान में बैंगन, ककड़ी, टमाटर, प्याज, मिर्च,गाजर, मूली, एप्पल बेर, पालक,टिडा व नींबू के भी पौधे लगाए हुए हैं। इस प्रकार मिश्रित खेती कर रहे हैं। छह एकड़ में उन्होंने सब्जी उगा रखी है और बेहतर आय मिल रही है। पैदावार शुरू हो गई।

किसान अजय का कहना हैं कि खेत की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए खेतों में फसल कटाई के बाद के अवशेषों को जलाए नहीं । उनकी जुताई कर जमीन में ही मिला देना चाहिए। गोबर खाद जैविक खाद का प्रयोग करना चाहिए ।

मूंग, उड़द जैसी दलहनी फसलों की बिजाई करें यह भी जमीन की उर्वरता बढ़ाने में सहायक है। हरित घास जैसे ढांचा अन्य फसलों की बिजाई करें और फिर उनके अवशेषों को खेत में मिला दें ।कीटनाशकों का प्रयोग ना करें। नीम उत्पाद जो मित्र कीटों के लिए अच्छी हैं उनका प्रयोग करें। अजय ने बताया कि वे जुलाई माह के पहले सप्ताह में मैं नर्सरी डाल देते हैं। वह ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से गांव गांव जाकर आर्गेनिक सब्जियां बेचता है। आर्गेनिक सब्जियों के दाम रूटीन की सब्जियों से एक दो रुपया कम ही रखता है। जिससे सभी लोग आसानी से सब्जियों को खरीद सके। गोभी के साथ-साथ टमाटर, बैंगन, गाजर, मूली, धनिया, पालक, मेथी इत्यादि सब्जियों को भी बाजार से कम भाव में गांव गांव जाकर बेच रहे हैं। 2 एकड़ में उगाई गोभी में से आधी गोभी अभी बाकी है ।

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