पुराना मोबाइल बेकार समझ दूसरों को देना पड़ सकता है महंगा

अगर आपके पास पुराना और टूटा मोबाइल है और आप उसे निष्प्रयोज्य समझ रहे हैं तो यह आपकी सबसे बड़ी भूल है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 08:27 PM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 08:27 PM (IST)
पुराना मोबाइल बेकार समझ दूसरों 
को देना पड़ सकता है महंगा
पुराना मोबाइल बेकार समझ दूसरों को देना पड़ सकता है महंगा

जागरण संवाददाता, नारनौल: अगर आपके पास पुराना और टूटा मोबाइल है और आप उसे निष्प्रयोज्य समझ रहे हैं, तो यह आपकी सबसे बड़ी भूल है। वर्तमान समय में साइबर अपराधियों का एक गैंग इन मोबाइल फोन को इकट्ठा करने में लगा है। साइबर जालसाज पुराने मोबाइल फोन को ठीक कराकर उसका इस्तेमाल आनलाइन ठगी में कर रहे हैं और पुलिस की जांच में आरोपित वह बन रहा है जिसके नाम से मोबाइल पहले पंजीकृत होता है। ऐसे में इस प्रकार के मामलों से बचने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन ने लोगों को जागरूक करने के लिए एडवाइजरी जारी की है। मोबाइल की लाइफ सामान्यतया लगभग दो साल मानी जाती है। पुराने होने पर मोबाइल में खराबी आने लगती है और बार-बार ठीक कराने पर भी वह ठीक नहीं होती। लोग पुराने मोबाइल को किसी को भी बेच देते हैं, कुछ दुकानदार पुराने मोबाइल को लेकर दूसरे लोगों को बेच देते हैं। पुराने मोबाइल साइबर अपराधियों के लिए साइबर क्राइम का बड़ा माध्यम बन रहे हैं।

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जालसाज दो तरह से दे रहे साइबर अपराध को अंजाम

पहला तरीका:- अपराधी पुराने मोबाइल का डाटा रिकवर करा लेते हैं। उसके आधार पर साइबर क्राइम को अंजाम दिया जाता है।

दूसरा तरीका:- पुराने मोबाइलों को ठीक कराकर उन्हें आपराधिक गिरोह को बेच दिया जाता है। यह गिरोह आपराधिक घटना को अंजाम देने में इसका प्रयोग करता है। --------

गांवों से साइबर अपराधियों के पास ऐसे पहुंचते हैं पुराने मोबाइल

कुछ जिलों में इस प्रकार का मामला सामने आया है कि साइबर अपराधियों के साथियों का एक गैंग गांवों में फेरी लगाकर फलों, रुपयों और अन्य सामान के लालच में पुराने और निष्प्रयोज्य हुए मोबाइल फोन खरीद रहे हैं। ग्रामीण महिलाएं और साइबर अपराध से अनजान लोगों के द्वारा घर में बेकार पड़े मोबाइल फोन को जरा से लालच के चक्कर में आकर बेच दिया जाता है। गैंग के सदस्य ग्रामीण इलाकों से मोबाइल इकट्ठा कर एकमुश्त रूप से साइबर अपराधियों को बेच देते हैं। जिनका प्रयोग आनलाइन ठगी की वारदातों को अंजाम देने में किया जाता है।

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फोन ठीक करवा कर किया जाता है दुरुपयोग

फेरी लगाकर पुराने या खराब फोन खरीदने वाले आरोपित पुराने और खराब मोबाइल फोन की खराबी को सही करवाकर उसे एक्टिवेट कर देते हैं। मोबाइल एक्टिवेट होने के बाद उसे अगले साथियों के पास भेज दिया जाता है, जहां उस मोबाइल को आनलाइन ठगी में इस्तेमाल किया जाता है। बाद में छानबीन करने पर उस व्यक्ति का नाम सामने आता है, जो पहले उस मोबाइल फोन को इस्तेमाल करता रहा है।

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महंगा पड़ सकता है पुराना मोबाइल फोन बेचना

पुलिस ने बताया कि किसी भी अंजान व्यक्ति को जरा से लालच में मोबाइल फोन बेचना महंगा पड़ सकता है। फोन टूटने के बाद भी कई बार महत्वपूर्ण डाटा मोबाइल स्टोरेज में रह जाते हैं। जिसका गलत उपयोग हो सकता है। साइबर जालसाज इस प्रकार के मोबाइल फोन का डाटा रिकवर कर लेते हैं और उसके आधार पर साइबर क्राइम को अंजाम दिया जाता है। पुराने फोन की बिक्री करने वाले अपने लिए सिरदर्द खरीद रहे हैं। वह खुद ठगी का शिकार होने के साथ ही स्वजन को भी साइबर अपराध की तरफ धकेल रहे हैं। पुराना मोबाइल खरीदने वाला रुपए मोबाइल के नहीं, उसके डाटा के दे रहा है। मोबाइल का डाटा आपको व आपके अपनों को ठगी का शिकार बना सकता है।

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पुराना मोबाइल खरीदना भी पड़ सकता है महंगा

पुराना मोबाइल खरीदना भी आपको दुविधा में डाल सकता है। सस्ते दामों पर मोबाइल बेचने वाले आपको चोरी का मोबाइल बेच सकते हैं। जिससे आप कानूनी मामलों में फंस सकते हैं। पुराने मोबाइल खरीदना भी आपके लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। साइबर ठगी की वारदातों में मोबाइल का प्रयोग कर पुराने मोबाइल के रूप में उसको लोगों को बेच दिया जाता है। जिससे आमजन कानूनी मामलों में फंस सकता है। इस प्रकार के मामलों से बचने के लिए पुराने मोबाइल ना खरीदें और ना बेचें या अपने परिचितों से ही पुराने मोबाइलों का लेन-देन करें।

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पुराना मोबाइल बेचते समय बरतें सावधानी

पुलिस कप्तान चंद्रमोहन का कहना है कि प्रयास करें कि पुराना मोबाइल ना बेचें और अगर बेचना पड़े तो अपने परिचितों को दें। उसके बिल और आइएमईआइ नंबर के आधार पर विधिवत लिखा-पढ़ी कर लें। यदि मोबाइल पूरी तरह से खराब हो गया है, तो उसको पैसों के लालच में आकर किसी अनजान व्यक्ति को ना बेचें। उसको अपने पास रखें या खुद ही नष्ट कर दें।

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